Bihar Flood: नालंदा जिले के तीन प्रमुख प्रखंडों हिलसा, एकंगरसराय और करायपरसुराय में लोकायन नदी के टूटे तटबंधों की सही समय पर मरम्मत नहीं होने की वजह से स्थिति गंभीर होती जा रही है. इन इलाकों में रहने वाले लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है. इसकी वजह है कि पिछले चार दिनों से इन प्रखंडों में बाढ़ का कहर जारी है.
इन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
जानकारी के अनुसार हिलसा प्रखंड की छह पंचायतों के गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से बड़ी आबादी प्रभावित हुई है. वहीं, एकंगरसराय की तीन पंचायतें और करायपरसुराय के दस से अधिक गांव पूरी तरह पानी में डूबे हुए हैं. इसमें सबसे चिंताजनक खबर यह है कि यहां करीब छह हजार हेक्टेयर धान की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है. इसकी वजह से किसानों को लाखों रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ा है.
नदी के जलस्तर में चार फीट की गिरावट
प्राप्त जानकारी के अनुसार बारिश थमने के बाद नदी के जलस्तर में चार फीट की गिरावट आई है. हालांकि अभी भी अधिकांश इलाकों में दो फीट तक पानी भरा हुआ है. हिलसा के मिर्जापुर, कोरावा और चिकसौरा पंचायत के दर्जनों गांवों से पानी धीरे-धीरे निकल रहा है. जबकि निचले इलाके में स्थित घर के अभी भी चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं.
प्रखंड मुख्यालय से कटा 12 से अधिक गांवों का संपर्क
बता दें कि एकंगरसराय प्रखंड के लाला बिगहा गांव के पास लोकायन के टूटे तटबंध के कारण योगीपुर, असाढ़ी व रेंडी पंचायतों के कई गांव अब भी पानी से घिरे हुए हैं. क्षतिग्रस्त सड़कों की वजह से हिलसा के 12 से अधिक गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट चुका है.
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इन गांवों में अस्त-व्यस्त जनजीवन
धुरीबिगहा, छियासठ बिगहा, फुलवरिया, लक्कड़ बिगहा, कुसेता, डोमना बिगहा, मुरलीगढ़, सोहरापुर, जमुआरा, चमंडी, दामोदरपुर, गिलानीपुर, बेलदारी बिगहा, हरिहर खंधा, हरबंशपुर, चिकसौरा, मिर्जापुर, मराची व लुच्चन टोला गांवों में जनजीवन पूरी तरह अस्व्यस्त हो चुका है. वहीं, करायपरसुराय के निरीया, तुलसीपुर, शाहबाजपुर, ग्वासपुर, बेरथू पंचायत के अब्बूपुर, अशियापुर, बजीतपुर, मोगल बिगहा, जियनचक गांव के खंधे पूरी तरह पानी में डूबे हैं.
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