Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों में ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन नालंदा जिले के कई शिक्षक इस नियम का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं. कई शिक्षक अनियमित रूप से हाजिरी दर्ज कर रहे थे, जिससे शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए 12 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी है.
शिक्षकों की लापरवाही बनी बड़ी समस्या
शिक्षा विभाग की जांच में पाया गया कि कई शिक्षक विद्यालय समय के बाद अन्य स्थानों से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर रहे थे. कुछ शिक्षक देर से आने के बावजूद समय पर हाजिरी बना रहे थे, तो कुछ विद्यालय छोड़ने के बाद भी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे. इस प्रकार की अनियमितता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने 18 फरवरी को पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था. संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण वेतन रोकने का निर्णय लिया गया.
कार्रवाई में सामने आई गलती
कार्रवाई के दौरान विभाग की एक गलती भी उजागर हुई. जिन 12 शिक्षकों का वेतन रोका गया, उनमें से एक शिक्षक पंकज कुमार का दिसंबर 2023 में ही निधन हो चुका था. यह गंभीर लापरवाही प्रशासनिक प्रक्रिया में कमियों को दर्शाती है. शिक्षकों की लापरवाही में प्रधानाध्यापकों की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, क्योंकि वे इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे थे. इस कारण चार विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का वेतन भी रोक दिया गया है. इनसे भी स्पष्टीकरण मांगा गया है.
वेतन रोके गए शिक्षकों के नाम
जिन शिक्षकों का वेतन रोका गया है, उनमें मंजू कुमारी, दिवाकर कुमार वर्मा, सुजाता कुमारी, रेखा कुमारी, सुधा कुमारी, संजू राय, शकुंतला कुमारी, पंकज कुमार (दिवंगत), मो. शाहजहां (शीतला प्लस टू उच्च विद्यालय, मघड़ा), अंजली कुमारी (उत्क्रमित मध्य विद्यालय, आशानगर), रीमा कुमारी (प्राथमिक विद्यालय, पेधुका) और नवीन कुमार (बाल विद्या कुंज मध्य विद्यालय, सोहडीह) शामिल हैं.
वेतन रोके गए प्रधानाध्यापक
वहीं, जिन प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया है उनमें शीतला प्लस टू उच्च विद्यालय, मघड़ा (बिहारशरीफ), प्राथमिक विद्यालय, पेधुका (बिहारशरीफ), उत्क्रमित मध्य विद्यालय, आशानगर (बिहारशरीफ) और बाल विद्या कुंज मध्य विद्यालय, सोहडीह (बिहारशरीफ) के नाम शामिल हैं.
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प्रधानाध्यापिका का बयान
शीतला उच्च विद्यालय मघड़ा की प्रधानाध्यापिका नूतन सिन्हा ने बताया कि अब तक उन्हें विभाग की ओर से कोई आधिकारिक पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने दावा किया कि उनके विद्यालय के शिक्षक समय पर उपस्थित रहते हैं और वेतन रोके गए कुछ शिक्षक डायट नूरसराय में प्रशिक्षण में शामिल थे.