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अभिषेक ने माता-पिता को भी धोखे में रखा था

साथियों ने ही खोली पोल, मांगी माफी बरबीघा : यूपीएससी की अंतिम परिणाम के प्रकाशन के साथ ही क्षेत्र में खोजागाछी गांव निवासी विजय कुमार सिंह के बेटे अभिषेक कुमार के द्वारा लगातार दूसरी बार सफलता की खबर आग पकड़ ली. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी पत्रकारों को घर पर बुला कर दी गई […]

साथियों ने ही खोली पोल, मांगी माफी

बरबीघा : यूपीएससी की अंतिम परिणाम के प्रकाशन के साथ ही क्षेत्र में खोजागाछी गांव निवासी विजय कुमार सिंह के बेटे अभिषेक कुमार के द्वारा लगातार दूसरी बार सफलता की खबर आग पकड़ ली. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी पत्रकारों को घर पर बुला कर दी गई खबर को लोगों के द्वारा क्षेत्र के लिए गौरव का विषय में बताते हुए प्रकाशित भी किया गया. लेकिन उसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में लगे अन्य साथियों के द्वारा दोनों वर्षों की सफलता की सच्चाई बताते हुए अभिषेक कुमार की पोल खोल दी गई. सूत्रों ने बताया कि पिता के द्वारा उसकी शिक्षा-दीक्षा के संबंध में दी गई सूचना बिल्कुल सत्य है
तथा सत्यभामा यूनिवर्सिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करके वह एयर फोर्स विभाग में कार्यरत भी था. लेकिन 2016 में उसने यूपीएससी में 1028 वां लाने की बात दोस्तों और परिजनों को बता कर उसने एयरफोर्स की नौकरी छोड़ दी थी और लोगों को आयकर उपायुक्त के प्रशिक्षणार्थी अधिकारी के रुप में अपनी पहचान बताने लगा था.
इस वर्ष अंतिम परिणाम में चुके अभ्यर्थियों के द्वारा बताया गया इस बार पुनः अभिषेक कुमार के द्वारा 773 वां अंक लाने बात जब बताई गई तो दिल्ली में रहकर तैयारी करने वाले युवाओं ने इसकी जांच पड़ताल की. जांच पड़ताल में पता चला कि 2016 में 1028 वां रैंक लाने वाला अभिषेक कुमार मध्य प्रदेश के भोपाल जिले के गुलमोहर कॉलोनी का निवासी तथा पिछड़ा वर्ग कोटी का अभ्यर्थी था. इस बार 773 वां रैंक पर सफल अभ्यर्थी अभिषेक कुमार अनुसूचित जाति का अभ्यर्थी है. प्रवेश पत्र की छायाप्रति भी बार-बार मांगे जाने पर जब अभिषेक कुमार ने नहीं दिया और सबों के सामने उसे अंततः
धोखे देने की इस बात को स्वीकार करना पड़ा. अभिषेक कुमार की इस प्रथम वर्गीय पदाधिकारी बनने की लालसा में की गई कारस्तानी से जहां मीडिया वर्ग हतप्रभ है वहीं इस के परिजनों के द्वारा अपने सभी मोबाइल को स्विच ऑफ कर अफसोस जाहिर किया जा रहा है.
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