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नशे के लिए पेय पदार्थों में मिलाया जा रहा डोडा

करतूत. कई प्रतिबंधित दवाओं का भी हो रहा है उपयोग दवाओं की सूची हो रही है तैयार औषधि विभाग से ली जायेगी मदद बिहारशरीफ : नशेड़ियों ने नशे की खातिर एक नया तरीका इजाद किया है. खबर है कि नशे के लिए डोडा का प्रयोग किया जा रहा है. डोडा के मिश्रण की चाय यह […]

करतूत. कई प्रतिबंधित दवाओं का भी हो रहा है उपयोग

दवाओं की सूची हो रही है तैयार
औषधि विभाग से ली जायेगी मदद
बिहारशरीफ : नशेड़ियों ने नशे की खातिर एक नया तरीका इजाद किया है. खबर है कि नशे के लिए डोडा का प्रयोग किया जा रहा है. डोडा के मिश्रण की चाय यह दूसरे तरल पेय पदार्थ में मिला कर इसके शौकीन अपना मूड बना रहे हैं. डोडा का नशा अफीम से काफी मेल खाता है. इसके अलावा कुछ प्रतिबंधित दवाओं का भी सेवन नशे के रूप में किये जाने की गोपनीय जानकारी उत्पाद विभाग को मिल रही है. बाजार में कुछ ऐसे केमिकल भी उपलब्ध है,जिसके सेवन से नशेड़ी अपना मूड बना रहे हैं.उत्पाद अधीक्षक राम बाबू ने बताया कि हाल के दिनों में इस तरह की जानकारी गुप्तचरों के माध्यम से मिली है.
यह भी बताया गया है कि पंजाब से बिहार को आने वाले ट्रकों के चालकों द्वारा ही डोडा यहां तक पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी तक डोडा से संबंधित नशे की कोई पुष्ट जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं आया है,बावजूद विभाग इस संबंध में पहले से और सतर्क हो गया है.
क्या है डोडा: डोडा अफीम का फूल है. शुरूआत में यह फूल हरे रंग का होता है. इसी फूल को बीच से काट कर इसके अंदर के तरल पदार्थ को निकाल कर अफीम का पाउडर तैयार किया जाता है. शेष बचे डोडा फूल को भी सुखा कर उसका मिश्रण तैयार किया जाता है. इसी मिश्रण को चाय या दूसरे तरल पेय पदार्थ में मिला कर लोग इसका सेवन नशे के तौर पर करते हैं.डोडा से तैयार मिश्रण का नशा ज्यादातर पंजाब साइड में होता है. जिसका जिर्क हाल में प्रर्दशित हुई फिल्म उड़ता पंजाब में भी फिल्माया गया है.जानकार बता रहे हैं कि पंजाब से बिहार को आने वाले ट्रकों के चालक इस मिश्रण को अपने पास रखते हैं.लाइन होटलों में रुकने के बाद इसका सेवन किया जाता है.
नशा का दूसरा रूप: नशे के तौर पर गांजा,भांग व अफीम के अलावा इन दिनों कुछ प्रतिबंधित दवा व कैमिकल प्रयोग किये जा रहे हैं.उत्पाद विभाग ने मन बनाया है कि औषधि विभाग से प्रतिबंधित दवाओं की सूची ली जाय.बताया जाता है कि कफ सिरफ के अलावा कैमिकल में वाइटनर,बोन फिक्स व सुलेशन भी नशे के तौर पर प्रयोग किये जाते हैं.नशे के लिए उक्त कैमिकल के भाग को एक रूमाल पर रख कर नशेड़ी इसे सूंघते हैं. एेसा करने से उन्हें गजब का नशा मिलता है।
ब्रेथ एनालाइजर से होगी जांच
जिले के कई भाग में उत्पाद विभाग ब्रेथ एनालाइजर से शराबियों की जांच करेगा.इसके लिए शहर के अलावा अनुमंडल के कई स्थानों को चिन्हित किया गया है.उक्त बातों की जानकारी उत्पाद अधीक्षक राम बाबू ने दी.उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर उत्पाद विभाग शुक्रवार से ही एक साथ जिले के कई स्थानों पर उक्त उपकरण के माध्यम से शराबियों की पहचान करेगी. बिहार में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के बाद करीब 63 लोगों की गिरफ्तारी ब्रेथ एनालाइजर मशीन से की गयी है.उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि जिला उत्पाद विभाग कार्यालय में बल की कमी है.उपलब्ध संसाधनों से काम किया जा रहा है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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