बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम एडीजे रश्मि शिखा ने आरोपियों उमेश, विजय, सुनील, अरुण व गोवर्धन यादव को साक्ष्य सही पाते हुए मारपीट मामले के धारा 323 के तहत दोषी करार होने का फैसला सुनाया. हिलसा थाना कांड संख्या 205/2000 के विचारण के दौरान दलित अधिनियम विशेष रोक अभियोजक बच्चू प्रसाद पासवान ने नौ साक्षियों का परीक्षण सहित बहस किया था. इस मामले के सूचक व पीड़िता के भाई उमेश रजक के फर्द बयान पर आरोप दर्ज किया गया था,
जिसके अनुसार सूचक का घर और दुकान हिलसा सिनेमा मोड़ के पास है. दुकान के सामने गाड़ी वगैरह भी लगती है. बहुत देर तक दुकान के सामने एक गाड़ी चखड़ी रखने पर दुकान पर बैठी सूचक की बहन बच्ची देवी ने हटाने को कहा. इस पर सभी आरोपी गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडे और लोहे की रॉड से मारपीट की. सभी आरोपित हिलसा व एकंगरसराय थाना क्षेत्र के निवासी हैं. आरोपियों का पूर्व से कोई आपराधिक रिकाॅर्ड न होने पर कोर्ट ने पीआर बांड पर एक साल शांति बनाये रखने की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया.