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31 तक बना लें शौचालय

निर्धारित तारीख से पहले शौचालय निर्माण नहीं कराने पर नहीं लड़ सकेंगे चुनाव नॉमिनेशन करते समय हरेक प्रत्याशी को देना होगा शपथ पत्र पंचायत चुनाव में रुचि रखने वालों की बढ़ी सक्रियता बिहारशरीफ : पंचायत चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है. गांव की सरकार चुनने के लिए वोटिंग होनी है. चुनाव की प्रक्रिया मार्च से […]

निर्धारित तारीख से पहले शौचालय निर्माण नहीं कराने पर नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

नॉमिनेशन करते समय हरेक प्रत्याशी को देना होगा शपथ पत्र
पंचायत चुनाव में रुचि रखने वालों की बढ़ी सक्रियता
बिहारशरीफ : पंचायत चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है. गांव की सरकार चुनने के लिए वोटिंग होनी है. चुनाव की प्रक्रिया मार्च से शुरू होनी है और जून के प्रथम सप्ताह तक चुनाव की सभी प्रक्रिया खत्म हो जायेगी. आरक्षण का रोटेशन 29 जनवरी तक तय कर लिये जाने की संभावना है. यदि आप मुखिया,प्रमुख,सरपंच,वार्ड मेम्बर,पंच अथवा जिला परिषद का चुनाव लड़ना चाहते हैं तो सतर्क हो जाइये. सरकार पंचायत लड़ने वालों के लिए न्यूनतम पात्रता निर्धारित कर दी है.
यदि आपके घर में शौचालय नहीं है तो आप बिहार में पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. यदि कोई व्यक्ति पंचायत चुनाव लड़ने का इच्छुक है तो उसके घर में 31 जनवरी 2016 तक शौचालय का होना अनिवार्य है. पंचायत चुनाव लड़ने के यदि इच्छुक व्यक्ति निर्धारित तारीख से पहले शौचालय का निर्माण नहीं कराया तो वह पंचायत चुनाव लड़ने का पात्र नहीं होगा. पंचायत चुनाव में नॉमिनेशन करते समय हरेक प्रत्याशी को अनिवार्य रूप से एक शपथ पत्र देना होगा. इस शपथ पत्र में प्रत्याशी को अपने घर में शौचालय की स्थिति को स्पष्ट करना जरूरी होगा.
नहीं बढ़ेगी जमानत की राशि:
पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों के लिए एक राहत की बात यह है कि बढ़ती महंगाई का जमानत राशि पर कोई प्रभाव नहीं हुआ है. वहीं जमानत राशि ली जायेगी जो 2011 के पंचायत चुनाव में तय थी.
बदलेगी आरक्षित सीटें:
पंचायत चुनाव में सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए आरक्षण की व्यवस्था है. पंचायती राज कानून 2006 के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण की व्यवस्था है. इसके अतिरिक्त 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के आरक्षित किया गया है. इस प्रावधान के अनुसार लगातार दो कार्यकाल के बाद क्षेत्रों के आरक्षण का क्रम बदल जायेगा. कई सामान्य सीटें आरक्षित हो जायेंगी. जबकि आरक्षित सीटें सामान्य हो जायेंगी.
आरक्षण निर्धारित की प्रक्रिया:
पंचायत की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति, जनजाति को उसी जनसंख्या के अनुसार आरक्षण दिया जायेगा और इसी के अनुरूप क्षेत्र का निर्धारण भी होगा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए जिन क्षेत्रों में इनकी आबादी 50 प्रतिशत तक हो जाती है. उन क्षेत्रों में अत्यंत पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. अनुसूचित जाति के अनुमानित पदों की गणना, अन्य जनसंख्या का अवरोही क्रम से चक्रानुक्रम करते हुए क्षेत्र की गणना की जायेगी.

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