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नालंदा के पांच एकड़ से अधिक रकबा के 60 तालाबों का होगा जीर्णोद्धार

बिहारशरीफ : जिले में पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले तालाबों का जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जीर्णोद्धार किया जायेगा. लघु सिंचाई विभाग द्वारा पूरे जिले में पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले तालाबों का सर्वे कराया गया है. इस सर्वे में पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले करीब 60 तालाबों की पहचान की गयी है.

बिहारशरीफ : जिले में पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले तालाबों का जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जीर्णोद्धार किया जायेगा. लघु सिंचाई विभाग द्वारा पूरे जिले में पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले तालाबों का सर्वे कराया गया है. इस सर्वे में पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले करीब 60 तालाबों की पहचान की गयी है. इनमें से 30 तालाबों की डीपीआर बनाकर स्वीकृति के लिए भेज दिया है.

डीपीआर की स्वीकृति मिलने के बाद इन तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया जायेगा. लोगों के आवश्यकतानुसार तालाबों के जीर्णोद्धार एवं पुनर्जीवन के कार्य करवाये जायेंगे. इन सभी तालाबों से बाद निकालकर गहरा किया जायेगा. तालाबों से निकाली गयी गाद का उपयोग तालाब की चारों ओर की मेड़ को दुरुस्त किया जायेगा. तालाब में पानी आने के रास्ते को दुरुस्त किया जायेगा.

साथ ही तालाब से पानी की निकास की भी समुचित व्यवस्था की जायेगी. तालाब ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के प्रमुख साधनों में से एक है. इसमें बारिश या बाढ़ का पानी के संचय होने से जहां भू-गर्भीय जल स्तर में सुधार होता है. वहीं ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों को गति देने में मदद भी मिलती है. भू-गर्भीय जल स्तर में सुधार होने से पीने के पानी व सिंचाई के लिये पानी की कमी दूर होती है.

इसी बात को ध्यान में रखकर जल जीवन हरियाली मिशन के तहत परंपरागत जलस्त्रोतों को खोजकर उसका जीर्णोद्धार किया जा रहा है. परंपरागत जलस्रोतों में कुएं, तालाब, आहर-पइन आदि आते हैं. लघु सिंचाई विभाग द्वारा पांच एकड़ से अधिक रकवा वाले 60 तालाबों का ही जीर्णोद्धार किया जायेगा. बाकी बचे तालाबों को मनरेगा के तहत जीर्णोद्धार किया जायेगा.

posted by ashish jha

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