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बाबा मणिराम के अखाड़े पर मेला कल से
बिहारशरीफ : प्रसिद्ध संत बाबा मणिराम के अखाड़ा पर सात दिवसीय मेले का आयोजन 31 जुलाई को डीएम बी कार्तिकेय द्वारा किया जायेगा. इस अवसर पर लंगोट जुलूस व मेला के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई है. हाल में पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमला एवं राज्य में उग्रवादी गतिविधियों […]
बिहारशरीफ : प्रसिद्ध संत बाबा मणिराम के अखाड़ा पर सात दिवसीय मेले का आयोजन 31 जुलाई को डीएम बी कार्तिकेय द्वारा किया जायेगा. इस अवसर पर लंगोट जुलूस व मेला के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई है.
हाल में पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमला एवं राज्य में उग्रवादी गतिविधियों को देखते हुए मेला के अवसर पर सुरक्षा व निगरानी की पुख्ता व्यवस्था की गयी है.
शहर के 54 स्थानों को चिह्न्ति वहां दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है. शहर के चार जोन में बांट कर 24 घंटे सघन गश्त के लिए पेट्रोलिंग दल का गठन किया गया है.
जिला नियंत्रण कक्ष एवं लहेरी थाना नियंत्रण कक्ष के अलावा मेला परिसर में नियंत्रण कक्ष का संचालन 24 घंटे वरीय पदाधिकारियों की निगरानी में किया जायेगा. शहर के सात मंदिरों को चिह्न्ति कर वहां सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती की जायेगी.
प्रतिनियुक्त अधिकारियों को पूरी तरह संवेदनशील रह कर कर्तव्य का निर्वहन करने तथा उनकी सक्रियता का अहसास दिखायी दे ऐसा प्रयास करने का निर्देश दिया गया है.मेला क्षेत्र के अलावा शहर में सादी वर्दी में भी निगरानी के लिए पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्त की गयी है. जुलूस के दौरान विधि व्यवस्था संधारण के लिए विशेष निगरानी रखने तथा प्रत्येक जुलूस में स्थानीय दस वॉलिंटियर्स को शामिल रखने का निर्देश दिया गया है.
मेला के दौरान पर्याप्त पेयजल, बिजली, सफाई, चिकित्सा आदि जन सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. इसके अलावा वार्ड व थाना स्तर पर शांति समिति के गठन को भी कहा गया है.
लंगोट चढ़ाने से मुरादें होती है पूरी:
संत शिरोमणि बाबा मणिराम के समाधि स्थल काफी पावन एवं लोगों के श्रद्धा का केंद्र माना जाता है. लोगों को विश्वास है कि यहां लंगोट चढ़ाने से मन की मुरादें पूरी होती है.
बाबा मणि राम के बारे में कहा जाता है कि वह अलौकिकगुणों से पूर्ण थे. उनका मानना था कि स्वच्छ मन के लिये स्वस्थ तन का होना जरूरी है. इसके लिए उन्होंने अपने उपदेश स्थल के पास अखाड़ा का निर्माण कराया था, जो वहां आज भी मौजूद हैं.
लंगोट मेला के दौरान जाति व धर्म के बंधन से ऊपर उठ कर लोग यहां लंगोट चढ़ा कर बाबा मणि राम से मन्नतें मांगते हैं. मन्नत पूरी होने पर गाजा-बाजा, घोड़ा-हाथी के साथ जुलूस निकाल कर बाबा के दरबार में माथा टेकते हैं.
इस पवित्र समाधि पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर नामचीन हस्तियां लंगोट चढ़ा कर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर चुके हैं. ऐसा मानना है कि वर्ष 1300 ई. में बाबा मणि राम यहां जीवित समाधिस्थ हुए थे.
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