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विज्ञान शिक्षक के अभाव में इंटर की पढ़ाई बाधित
माध्यमिक कक्षाओं में भी विषयवार शिक्षक नहीं बिहारशरीफ : विभागीय उपेक्षा के कारण अस्थावां प्रखंड के राजकीयकृत प्लस टू विद्यालय वेनार में इंटरमीडिएट के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है. विद्यालय में कला संकाय के भी महज तीन शिक्षक नियुक्त हैं. इससे विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं को अपनी पढ़ाई टय़ूशन व […]
माध्यमिक कक्षाओं में भी विषयवार शिक्षक नहीं
बिहारशरीफ : विभागीय उपेक्षा के कारण अस्थावां प्रखंड के राजकीयकृत प्लस टू विद्यालय वेनार में इंटरमीडिएट के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है. विद्यालय में कला संकाय के भी महज तीन शिक्षक नियुक्त हैं.
इससे विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं को अपनी पढ़ाई टय़ूशन व कोचिंग संस्थानों के माध्यम से पूरी करनी पड़ रही है. विद्यालय की छात्र आरती कुमारी व छात्र मनोज कुमार ने बताया कि विज्ञान संकाय में शिक्षक नहीं रहने के कारण विद्यार्थियों को मजबूरी में विज्ञान संकाय के बजाय कला संकाय में ही नामांकन कराना पड़ता है.
विद्यालय के कई विद्यार्थियों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र का विद्यालय होने के कारण इसकी अहमियत अधिक है, फिर भी विभागीय उदासीनता का खामियाजा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हर वर्ष छात्र-छात्राओं का नामांकन होता है, रजिस्ट्रेशन, फॉर्म के बाद विद्यार्थी परीक्षा में भी शामिल होते हैं.
इस प्रकार की शैक्षणिक व्यवस्था से विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है.उच्च विद्यालय वेनार में विषय वार शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की कई प्रमुख विषयों की पढ़ाई बाधित हो रही है. विद्यालय की छात्र अर्चना कुमारी ने बताया कि वर्तमान में यहां कुल आठ शिक्षक हैं, लेकिन कई प्रमुख विषयों भुगोल, संस्कृत के साथ शारीरिक शिक्षक व कंप्यूटर शिक्षक आदि के नहीं रहने से इन विषयों की पढ़ाई बाधित हो रही है. विद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों के हिसाब से शिक्षकों का अनुपात भारी कम हैं
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माध्यमिक भवन हैं जजर्र
उच्च विद्यालय वेनार एक पुराना विद्यालय हैं. इसके कई कमरे अब जजर्र स्थिति में पहुंच गये हैं. इन कमरों में विद्यार्थियों को पढ़ाने में खतरे को देखते हुए माध्यमिक कक्षाएं भी इंटरमीडिएट भवन में चलाये जा रहे हैं. जजर्र कमरों का इस्तेमाल प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि के रूप में किया जा रहा है. हालांकि कमरों की स्थिति को देखते हुए इनका उपयोग बंद ही कर देना चाहिए, लेकिन कमरों के अभाव में इसे बंद नहीं किया गया है.
खेल सुविधाओं से वंचित हो रहे विद्यार्थी:विद्यालय का खेल का मैदान विद्यालय से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर रहने के कारण विद्यार्थियों द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जाता है. विद्यालय के छात्र-छात्राएं विद्यालय परिसर में ही अपना खाली समय इंडोर गेम के माध्यम से बिताते हैं. कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि आउटडोर गेम की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण यहां के विद्यार्थी खेल कूद प्रतियोगिता में भी पिछड़ रहे हैं. इससे छात्र-छात्राओं की प्रतिभा कुंठित हो रही है.
विद्यालय में मौजूद सुविधाएं
भवन -इंटरमीडिएट में छह कमरे, माध्यमिक भवन जजर्र,बिजली -है
उपस्कर-पर्याप्त,पेयजल-चार चापाकल,शौचालय-दो,प्रयोगशाला- है,पुस्तकालय-है,खेल का मैदान- अनुपयोगी,चहारदीवारी -है,शिक्षक-इंटरमीडिएट में तीन, माध्यमिक में आठ,विद्यार्थी-इंटरमीडिएट में 45, माध्यमिक में 400.
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