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जिले की 249 पंचायतों में एक-एक कुएं का होगा जीर्णोद्धार

बिहारशरीफ : जलसंकट व भू-गर्मीय जल स्तर के गिरने से पैदा हुई जलसंकट की स्थिति को देखते हुए दोबारा पुराने जलस्रोतों के संरक्षण व विकास के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है. जिले की सभी पंचायतों में एक-एक कुओं का जीर्णोद्धार किया जायेगा. राज्य सरकार के निर्देश पर पीएचइडी ने जिले की सभी […]

बिहारशरीफ : जलसंकट व भू-गर्मीय जल स्तर के गिरने से पैदा हुई जलसंकट की स्थिति को देखते हुए दोबारा पुराने जलस्रोतों के संरक्षण व विकास के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है. जिले की सभी पंचायतों में एक-एक कुओं का जीर्णोद्धार किया जायेगा. राज्य सरकार के निर्देश पर पीएचइडी ने जिले की सभी पंचायतों में एक-एक यानी 249 कुओं को चिह्नित किया है.

जल्द ही चिह्नित कुओं के जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया जायेगा. इसके तहत कुओं की उड़ाही, रिपेयरिंग, कुएं के चारों ओर 10 फुट चौड़ा चबूतरे का निर्माण एवं कुएं से पानी खींचने के लिए पुली लगायी जायेगी. साथ ही इस कुएं का उपयोग करने वाले आसपास के लोगों का एक ग्रुप बनाकर उन्हें कुएं के रखरखाव की जिम्मेदारी दी जायेगी.
कुएं की साफ-सफाई के बाद पानी को पीने लायक बनाया जायेगा. कभी जल का प्रमुख स्रोत रहे कुएं पिछले दो दशकों के दौरान शहरीकरण की भेंट चढ़ गया था. भू-जल स्तर को गिरने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने सभी जलस्रोतों का जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया है.
जल स्तर के बनाये रखने में महत्वपूर्ण हैं कुएं : भू-जल स्तर को बनाये रखने एवं जल स्तर को रोकने में कुएं काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जब तक कुओं का अस्तित्व बरकरार रहा, तब तक भू-जल का स्तर नियंत्रण में रहा. कुओं का अस्तित्व समाप्त होते ही भू-जल का स्तर तेजी से खिसकने लगा.
पानी लेने के बहाने होती है ग्रामीणों की बैठक
गांव के बीच बने कुएं पर कभी सुबह-शाम महिलाओं की बैठक होती थी. पानी लेने के बहाने सभी महिलाएं एक-दूसरे से अपने सुख-दुख बांटती थीं. नहाने से लेकर बरतन साफ करने का काम कुएं के चारों ओर होता था. गांव में होने वाले विभिन्न पर्व-त्योहार व शादी समारोह के आयोजन में भी कुएं का विशेष महत्व होता था. धीरे-धीरे कुएं का अस्तित्व समाप्त होने से गांवों के लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.
सभी पंचायतों में एक-एक कुआं कर लिया गया है चिह्नित
जिले की सभी 249 पंचायतों में एक-एक कुओं का जीर्णोद्धार किया जायेगा. राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में सभी पंचायतों में एक-एक कुआं को चिह्नित कर लिया गया है. इसके तहत कुएं की उड़ाही, रिपेयरिंग, चबूतरे का निर्माण एवं पुली लगाने का काम किया जायेगा. पूर्व में सभी प्रखंडों में दो-दो कुओं का जीर्णोद्धार किया गया था.
मनोज मनोहर, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी, बिहारशरीफ

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