राजगीर/पटना : राजगीर की रत्नगिरि पहाड़ी पर स्थित विश्व शांति स्तूप की 50वीं वर्षगांठ शुक्रवार को मनायी गयी. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेश और संदेश आज के समय में दुनिया में संघर्ष की समस्या के समाधान में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान बुद्ध ने करुणा, समानता और अहिंसा के संदेश को जिस तार्किक तरीके से रखा, वह आधुनिक समय में लोगों के मन पर प्रभाव डालता है. राजगीर अाध्यात्मिक क्रांति की पवित्र धरती है, जिसने समाज को बदला है. उन्होंने कहा कि विश्व शांति स्तूप शांति, एकता और अहिंसा का प्रतीक है. उन्होंने राजगीर विश्व शांति स्तूप की 50वीं वर्षगांठ और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अक्तूबर महीने में होने को सुखद बताया.
इको टूरिज्म से जाेड़े जा रहे हैं बिहार के सभी बौद्ध स्थल : नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जितने भी भगवान बुद्ध से जुड़े धार्मिक स्थल हैं, उनको इको पर्यटन से जोड़ा जा रहा है. साथ ही सभी को लिंक किया जा रहा है़ उन्होंने कहा कि जिस समय पूरे विश्व में शांति के लिए विश्व शांति स्तूप की स्थापना हुई थी, उस वक्त भारत का यह प्रथम शांति स्तूप था.
आज यह विश्व शांति स्तूप पूरी दुनिया को शांति का संदेश दे रहा है. उन्होंने कहा कि राजगीर की भूमि सूफी-संतों की भूमि रही है. यह हिंदुस्तान के लिए गौरव की बात है कि पूरे विश्व को बुद्ध और महात्मा गांधी ने शांति का संदेश दिया है. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शांति स्तूप समृद्ध इतिहास को गौरवान्वित करता है. ज्ञानोपार्जन के लिए राजगीर से बढ़कर कोई धरती नहीं है.
राष्ट्रपति का राज्यपाल फागू चौहान ने शुक्रवार को सुबह पटना एयरपोर्ट पर गुलदस्ता व महात्मा बुद्ध की कहानियां नामक पुस्तक भेंटकर स्वागत किया. इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार, विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मो हारूण रशीद आदि मौजूद मौजूद थे.