बिहारशरीफ : लोकसभा चुनाव समाप्त हुए तीन महीने बीत गये. चुनाव कार्य के लिए निजी एवं व्यावसायिक निबंधित वाहनों को अधिगृहित किया गया था, जिसे चुनाव कार्य संपन्न होने के बाद वाहन के भाड़े का भुगतान कर दिया जायेगा, लेकिन सैकड़ों वाहन के मालिक परिवहन कार्यालय में वाहन के भाड़े के लिये चक्कर लगा रहे हैं.
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लोस चुनाव में अधिगृहित वाहनों के भाड़ा भुगतान में विलंब से आक्रोश
बिहारशरीफ : लोकसभा चुनाव समाप्त हुए तीन महीने बीत गये. चुनाव कार्य के लिए निजी एवं व्यावसायिक निबंधित वाहनों को अधिगृहित किया गया था, जिसे चुनाव कार्य संपन्न होने के बाद वाहन के भाड़े का भुगतान कर दिया जायेगा, लेकिन सैकड़ों वाहन के मालिक परिवहन कार्यालय में वाहन के भाड़े के लिये चक्कर लगा रहे […]
जिला परिवहन पदाधिकारी की लापरवाही एवं कर्मियों की कार्य के प्रति शिथिलता, भ्रष्टाचार में लिप्त रहने से लोकसभा चुनाव कार्य के लिये अधिगृहित वाहनों के भाड़ा का भुगतान नहीं किया जा रहा है.
वाहन मालिकों को तीन से चार दिन में वाहन के भाड़े का भुगतान करने का आश्वासन दिलाकर भेज दिया जाता है, लेकिन फिर वही हाल. परिवहन कार्यालय में वाहन भाड़े के भुगतान के लिए आये वाहन मालिकों ने बताया कि परिवहन पदाधिकारी से 15 दिन पहले मुलाकात किया था. भाड़ा भुगतान करने के लिये अनुरोध किया.
जल्द भुगतान करने का आश्वासन दिया गया, लेकिन आज तक भुगतान नहीं किया जा सका है. परिवहन कार्यालय में कार्य कर रहे कर्मी एवं कंप्यूटर ऑपरेटर तो बात करने से भी हिचकते हैं. कुछ भी स्पष्ट रूप से बताने से कतराते हैं. यूं कहें कि परिवहन कार्यालय के कर्मी भ्रष्टाचार के आंकड़े में डूबे रहते हैं.
परिवहन कार्यालय के भीतर काउंटर के समीप और बाहर दलालों का जमावड़ा लगा रहता है. दलालों के माध्यम से आने वाले वाहन मालिकों को चुनाव कार्य के लिये अधिगृहित भाड़ा का भुगतान तो कर दिया जाता है. शेष लोगों को परिवहन कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव के कार्य के लिए अधिगृहित वाहनों का भाड़ा भुगतान की प्रक्रिया जारी है.
एक साथ ही 25 से 30 वाहन मालिकों के भाड़ा भुगतान के लिये स्टेट बैंक के मुख्य शाखा में आरटीजीएस के लिए भेजा जाता है, लेकिन बैंक के अधिकारी एवं बैंककर्मी दो-चार खाता संख्या गलत रहने पर पूरी सूची ही लौटा देते हैं, जिससे भाड़ा का भुगतान नहीं हो पाया है. कुछ कर्मियों की गलती से ही वाहन के भाड़ा भुगतान में विलंब होता है.
साथ ही स्टेट बैंक कर्मी भी वाहन मालिक के खाते में राशि का हस्तांतरण नहीं करते हैं. इधर सैकड़ों वाहन मालिकों ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर चुनाव कार्य में अधिग्रहित किये गये वाहनों के भाड़ा का भुगतान अविलंब कराने की मांग की है, ताकि अगले चुनाव में वाहन जमा करने में वाहन मालिक को कोई परेशानी नहीं हो.
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