पटना : राज्य में एनएच-82 पर नालंदा-बिहारशरीफ फोरलेन सड़क 24 अक्तूबर तक बनकर तैयार हो जायेगी. इस पर तेजी से काम चल रहा है. यह सड़कगया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ परियोजना का हिस्सा है. पूरी परियोजना का निर्माण कार्य इस साल 24 अक्तूबर तक होना था, लेकिन जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण यह पांच महीने विलंब से मार्च 2020 तक पूरी होने की उम्मीद है.
फिलहाल इसका करीब 45 फीसदी काम हुआ है. इसकी कुल लागत 21 अरब 38 करोड़ 16 लाख रुपये आने की संभावना है. पथ निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि नवादा, नालंदा व गया को जोड़ने वाली इस सड़क को बुद्ध सर्किट पथ कहा जाता है. गया से हिसुआ, राजगीर, नालंदा होते हुए यह सड़क बिहारशरीफ बाइपास में एनएच 31 से जुड़ती है. करीब 93 किलोमीटर की इस सड़क के फोरलेन होने से यात्रियों के साथ ही बौद्ध व जैन पर्यटकों को फायदा होगा. इससे पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा.
जमीन अधिग्रहण का पेच
विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस परियोजना में मुख्य रूप से जमीन अधिग्रहण का पेच था. इसमें से ज्यादातर समस्या सुलझा ली गयी है.वजीरगंज और टुंगी बायपास निकाला जा चुका है. अब नवादा और गया जिले में करीब 22 एकड़ जमीन अधिग्रहण का पेच फंसा है. इसके अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. नवादा जिले में नारबीगंज और हिसुआ बाbपास के पास यह समस्या है.
वहीं गया जिले में माड़नपुर बायपास के पास भी जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. बिहार राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि एनएच-82 गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ सड़क का काम मार्च 2020 तक पूरा हो जायेगा. फिलहाल 24 अक्टूबर तक नालंदा से बिहारशरीफ के बीच निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा.