12.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

हिलसा में कालाजार का मिला एक नया मरीज

बिहारशरीफ : नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड क्षेत्र में कालाजार का एक रोगी फिर मिला है. हिलसा में धीरे-धीरे कालाजार पांव पसारने में लगा है. इस साल हिलसा प्रखंड क्षेत्र में अब तक कुल पांच रोगी प्रतिवेदित हो चुके हैं. वैसे जिले में अब तक कालाजार के छह मरीजों की पहचान हुई है. हिलसा में […]

बिहारशरीफ : नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड क्षेत्र में कालाजार का एक रोगी फिर मिला है. हिलसा में धीरे-धीरे कालाजार पांव पसारने में लगा है. इस साल हिलसा प्रखंड क्षेत्र में अब तक कुल पांच रोगी प्रतिवेदित हो चुके हैं. वैसे जिले में अब तक कालाजार के छह मरीजों की पहचान हुई है.

हिलसा में नये मरीज मिलने के बाद विभागीय अधिकारी ने सजगता दिखाते हुए संबंधित पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को पूरी तरह से सजग कर दिया है. नये मरीज चिह्नित हुए हैं.
उस गांव पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी गयी है, ताकि संदिग्ध रोगी मिलने की स्थिति में त्वरित कदम विभागीय तौर पर उठाया जा सके. हिलसा में चिह्नित रोगी का पटना में इलाज किया गया है. यह कालाजार के पीकेडीएल (पोस्ट कालाजार डरमल लिसमैनिएसिस) का रोगी है.
क्या है पोस्ट कालाजार डरमल लिसमैनिएसिस (पीकेडीएल) : कालाजार के सामान्य रोगी का इलाज पूर्ण होने के बाद भी कभी-कभी कालाजार के कीटाणु रोगी के शरीर में जीवित रह जाते हैं, जो रक्त प्रवाह से अलग होकर रोगी के चर्म में एकत्रित होकर लंबे समय के बाद चर्म रोग मसलन चर्म पर उजले धब्बे या गांठ आदि के रूप में उभरते हैं, जिसे पोस्ट कालाजार डरमल लिसमैनिएसिस (पीकेडीएल) कहते हैं. पीकेडीएल के रोगी में कालाजार के कोई लक्षण दिखायी नहीं देता है और यह सामान्य रूप जीवन व्यतीत करता है. यानी के उजले धब्बे या गांठ उभरने से रोगी को किसी तरह परेशानी नहीं होती.
किंतु एेसे रोगी के चर्म में कालाजार के कीटाणु उपस्थित रहते हैं और यह स्टोर रूम के रूप में काम करता है और कालाजार रोग फैलाने में मुख्य भूमिका निभाता है. रोगी में किसी तरह कोई दिक्कत नहीं होने से एेसे रोगी कोई डॉक्टर के पास नहीं जा पाते हैं.
हिलसा में अब तक मिल चुके हैं पांच रोगी
जिले के हिलसा प्रखंड में कालाजार के अब तक पांच मरीज प्रतिवेदित हुए हैं. इससे पहले इसी साल हिलसा प्रखंड क्षेत्र में चार रोगी मिल चुके हैं, जिनका इलाज किया जा चुका है. नया रोगी हिलसा प्रखंड अंतर्गत गोसाईंमठ में चिह्नित हुआ है. यह कालाजार (पीकेडीएल) रोगी है. जिले में इस साल पीकेडीएल का यह पहला रोगी है.
मालूम हो कि इससे पहले भी इस साल हिलसा में चार एवं नगरनौसा प्रखंड के तकियापर गांव में कालाजार के एक मरीज मिल चुके हैं, जिसका भी इलाज किया जा चुका है. हिलसा में एक नये मरीज मिलने के बाद हिलसा पीएचसी क्षेत्र के तहत इसकी संख्या पांच तक पहुंच गयी है. इस तरह जिले में नये मरीज को मिलाकर इसकी संख्या अब तक छह तक पहुंच गयी है.
नये मरीज प्रतिवेदित हुए हैं, वहां जिला मलेरिया विभाग की ओर से सेंथेटिक पाराथ्रायट नामक दवा का छिड़काव किया जायेगा. मलेरिया विभाग की ओर से शीघ्र दवा का स्प्रे किया जायेगा ताकि कालाजार की उत्पतिकारक बालूमक्खी के लार्वा को खत्म किया जा सके.
क्या कहते हैं अधिकारी
हिलसा प्रखंड के गोसाईंमठ में कालाजार (पीकेडीएल) के एक रोगी की पहचान हुई है, जिसका आरएमआरआइ, पटना में इलाज किया गया है. इन्हें योजना की राशि उपलब्ध करायी जायेगी. इस गांव में दवा का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है.
रीना कुमारी, सलाहकार, डीएमओ कार्यालय, नालंदा
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel