बिहारशरीफ : हस्तकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही बुनकरों को उत्कृष्टता और गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में बुनकरों को बुनाई में सुगमता और आधुनिकता प्रदान करने के लिए 68 ईंच फेम लूम योजना की शुरुआत की गयी है.
इस योजना के तहत जिले के 37 बुनकर चयनित किये गये हैं. योजना के तहत 27 हजार रुपये लूम क्रय के लिए सरकार अनुदान बुनकरों को दे रही है. इसके अलावा तीन हजार रुपये बुनकरों को अपनी पूंजी लगानी पड़ती है.
दो किस्तों में दी जाती राशि
बुनकरों को 68 इंच फेम लूम खरीदने के लिए अनुदान के रूप में दो किस्तों में राशि मुहैया करायी जाती है. प्रथम किस्त में 17 हजार रुपये प्रति बुनकर दिये जाते हैं.
31 बुनकर प्रथम किस्त की राशि लेकर सामग्री की खरीदारी नहीं की. लिहाजा दूसरी किस्त की राशि लेने से वंचित रह गये. इसके कारण छह बुनकरों को ही द्वितीय किस्त की राशि प्रदान की गयी है. लिहाजा इस योजनामद से अब तक छह बुनकर ही 68 इंच का लूम का क्रय कर पाएं हैं.
इसके पूर्व बुनकर पारंपरिक ढंग से कपड़ों की बुनाई करते थे. कम साइज के लूम से कपड़ों की बुनाई बुनकरों द्वारा की जाती थी, जिससे समय के साथ ही हैंडलूम उद्योग में आधुनिकता लायी जा रही है. बुनकरों द्वारा निर्मित बाबनबुटी साड़ी ने देश के साथ ही विदेशों में में अपनी पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है.
क्या कहते हैं अधिकारी
हस्तकरघा उद्योग को आधुनिक एवं गुणवत्तापूर्ण कपड़ों की बुनाई के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. जिले में हस्तकरघा उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है.
अमरेंद्र भूषण, उद्योग प्रसार पदाधिकारी
