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….जब राजगीर महोत्सव अनुराधा व कविता पौडवाल ने सजायी सुरों की महफिल
राजगीर : राजगीर महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्ध पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल व उनकी पुत्री कविता पौडवाल ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत भगवान की आराधना से की. ‘मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा, शिव से बढ़ कर कोई न दूजा’ गाकर लोगों का मन मोह […]
राजगीर : राजगीर महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्ध पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल व उनकी पुत्री कविता पौडवाल ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.
उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत भगवान की आराधना से की. ‘मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा, शिव से बढ़ कर कोई न दूजा’ गाकर लोगों का मन मोह लिया. अपनी सुरीली आवाज व मधुर संगीत के सामंजस्य से प्रस्तुत इस शिव स्तुति से लोग काफी खुश हुए और तालियां बजाकर मां-बेटी की हौसला आफजाई की.
इसके बाद उनकी प्रस्तुति ‘धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना, धीरे-धीरे से मेरे दिल को चुराना’ गाकर अपनी प्रस्तुति की समा बांध दी. राजगीर महोत्सव के इस सांस्कृतिक संध्या का दर्शकों ने देर रात तक तक लुत्फ उठाया. अनुराधा पौडवाल व कविता पौडवाल की सुरीली आवाज सुनने के लिये नालंदा सहित दूसरे शहरों पटना, नवादा, जहानाबाद व गया के लोग बड़ी संख्या राजगीर पहुंचे हैं.
राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर में आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में सभी सीटें फुल हो गयी. साउंड सिस्टम खराब हो जाने की वजह से अनुराधा पौडवाल दो गाना गाकर बैठ गयीं. आशिकी फिल्म के लिए फिल्म फेयर अवार्ड, राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई अवार्ड जीत चुकी अनुराधा पौडवाल के प्रशंसक बड़ी संख्या में उनका संगीत सुनने के लिए आये हैं.
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय राजगीर महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने दीप जला कर किया. उन्होंने कहा कि राजगीर महोत्सव का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन करना नहीं है, बल्कि इस महोत्सव से शांति, प्रेम, सद्भावना और भाईचारे का संदेश देना है.
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