-एमसीएच का मामला, घंटों खड़े रहने से फूटा गुस्सा-एंबुलेंस के बजाय निजी साधनों से आ रही हैं गर्भवती
मुजफ्फरपुर.
एमसीएच में एक ही डॉक्टर होने व भीड़ अधिक होने से लगने वाले समय से आजिज आकर, कतार में खड़ी गर्भवतियों ने हंगामा किया. आरोप लगाया कि एक मरीज को देखने में 40 मिनट लग जा रहा है. ऐसे में ओपीडी के समय तक सभी इलाज नहीं करा पायेंगे. हालांकि ओपीडी के समय खत्म होने के बाद भी डॉक्टरों ने इलाज करने की बात कही. इससे महिलाएं शांत हुईं.गर्भवतियों ने कहा कि सदर अस्पताल में प्रसव के लिए आने पर बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही हैं.
विभाग की ओर से प्रसव वाली महिलाओं को एंबुलेंस से अस्पताल लाने व ले जाने का नियम है.लेकिन सदर में प्रतिदिन प्रसव वाली महिलाएं ऑटो से आती हैं और ऑटो से जाती है. दादर की कंचन कुमारी ने बताया कि दो दिन पहले वह ऑटो से प्रसव के लिए आयी थीं. प्रसव के बाद शनिवार को डिस्चार्ज किया गया हैं.बावजूद एंबुलेंस नहीं मिल रहा है. तीन सौ रुपये में ऑटो करके लाये हैं, जिससे जच्चा और बच्चा घर जायेंगे.अपनी पत्नी का इलाज कराने आये राघव राय ने बताया कि ऑटो से लेकर आये थे और ऑटाे से ही प्रसव के बाद लेकर जा रहे हैं.हर दिन दो मोतियाबिंद का ऑपरेशन
मुजफ्फरपुर.
सदर अस्पताल में खुले आइओटी में मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन निशुल्क किया जा रहा है. हर दिन दो से अधिक मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है. फरवरी में सदर अस्पताल में 65 मरीजों का ऑपरेशन किया गया. इनका ऑपरेशन सफल रहा है. अधीक्षक बाबू साहब झा ने कहा कि आंख की अलग ओपीडी चल रही है. ऐसे में जो मरीज दिखाने आ रहे हैं और उनका मोतियाबिंद निकल रहा है, उन्हें ऑपरेशन के लिए कहा जा रहा है. बता दें कि पिछले साल सदर अस्पताल में मॉडल आइओटी बनाया गया था. इसमें दो सर्जन भी बहाल किये गये थे. दोनों सर्जन मरीजों का ऑपरेशन करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है