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निर्माणाधीन मकान बने स्मैकियों का अड्डा, पुलिस से शिकायत

Under construction houses become den of smackies

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गोबरसही, डुमरी, अहियापुर और सिकंदरपुर के निवासियों ने जताई चिंता पुलिस गश्ती पर सवाल, कार्रवाई की मांग सुमित शाही, मुजफ्फरपुर शहर के बाहरी इलाकों में निर्माणाधीन और सुनसान मकान स्मैकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गए हैं. गोबरसही, डुमरी, प्रोफेसर कॉलोनी, न्यू कॉलोनी, अहियापुर और सिकंदरपुर के निवासियों ने इस समस्या से परेशान होकर पुलिस से शिकायत की है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये स्मैकिए नए मकानों और कम आबादी वाले इलाकों को टारगेट कर वहां जमघट लगा रहे हैं. शाम के वक्त ये लोग हल्ला-हंगामा कर मौजूद लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं. डुमरी प्रोफेसर कॉलोनी के निवासियों ने बताया कि यहां वर्षों से एक अर्द्धनिर्मित मकान है, जिसमें खिड़की-दरवाजा नहीं है. इसी कारण नशेड़ियों का जमावड़ा होता है. नए आवासों के निर्माण के चलते शहर से आए लोग यहां से चले जाते हैं, और इसके बाद नशेड़ियों का जमावड़ा बढ़ जाता है. सोशल मीडिया पर मदद की अपील एक स्थानीय निवासी ने इस समस्या को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बिहार पुलिस से मदद की अपील की है. उन्होंने लिखा, “गोबरसही डुमरी में प्रोफेसर कॉलोनी में 14 वर्षों से नशेड़ियों के कारनामों से कॉलोनी का माहौल खराब है. ” उन्होंने इस संदेश के साथ एक फोटो भी अपलोड किया है. पुलिस गश्ती पर उठे सवाल स्थानीय निवासियों ने पुलिस की गश्ती पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि पुलिस केवल मुख्य सड़कों पर गश्ती करती है, जबकि इन मोहल्लों में पुलिस की उपस्थिति नहीं होती. यह स्थिति नशेड़ियों के मनोबल को बढ़ा रही है. कई बार स्थानीय लोगों द्वारा टोकने पर भी नशेड़ियों ने उनके साथ मारपीट की है. पुलिस को इस विषय पर पूर्व में शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. सिटी एसपी का बयान सिटी एसपी विश्वजीत दयाल ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि शहर सटे मोहल्लों में स्मैकियों के जमघट की शिकायत मिली है. उन्होंने संबंधित थानाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे शाम के बाद गश्ती को इन इलाकों में भेजें. साथ ही, निर्माणाधीन और खाली पड़े घरों के आसपास पुलिस की गतिविधि बढ़ाने की बात कही. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि यदि ऐसी गतिविधियां जारी रहें तो वे सीधे अधिकारियों को सूचना दें. उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी. इस बढ़ती समस्या के समाधान के लिए अब देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन कितनी तेजी से और प्रभावी तरीके से कार्रवाई करता है. स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और भलाई के लिए यह अत्यंत आवश्यक है.

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