उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर व्रतियों ने मंगलवार को चैती छठ का नहाय खाय पूजा की. सुबह में स्नान के बाद महिलाओं ने बिना लहसुन प्याज का भोजन बना कर पहले अग्नि को समर्पित किया, फिर खुद ग्रहण किया. फिर परिवार के लोगों ने भोजन किया. नहाय-खाय पर्व पर कई व्रतियों ने सीढ़ीघाट, आश्रम घाट और लकड़ी घाट पर जाकर स्नान किया. वहां से कलश में जल भर कर घर लायी. पर्व को लेकर घर में पूरी पवित्रता का माहौल था. व्रतियां बुधवार को खरना पूजा करेंगी. इसी के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा. व्रती गुरुवार को छठ का सांध्यकालीन अर्घ देंगी और शुक्रवार को सुबह का अर्घ दिया जायेगा. छठ को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल रही. शहर के विभिन्न स्थानों से सूप-दउड़ा और मिट्टी के चूल्हे की बिक्री हुई. व्रतियों ने नहाय खाय के साथ खरना के लिए भी खरीदारी की. सुबह से शाम तक खरीदारी के लिए कल्याणी, मोतीझील, जवाहर लाल रोड सहित शहर के अन्य इलाकों में भीड़ लगी रही. सेब की आवक नहीं, 300 रुपये किलो हो रही बिक्री छठ को लेकर बाजार में फलों की अच्छी डिमांड है. हालांकि सेब की आवक नहीं होने के कारण बाजार में 300 रुपये किलो बिक रहा है. पिछले चार दिनों से बाजार समिति में सेब की आवक नहीं हो रही है. दिल्ली के कोल्ड स्टोर में जम्मे और हिमाचल के व्यापारियों का सेब समाप्त हो चुका है. इस कारण बाजार समिति में सेब नहीं आ रहा है. यहां के बचे हुए सेब के स्टॉक की बाजार में उपलब्ध है. बाजार समिति के फल व्यापारी विनय कुमार ने कहा कि पहले बाजार समिति में रोज 15 ट्रक सेब आता था, लेकिन फिलहाल एक ट्रक भी सेब नहीं आ रहा है. छठ के लिए सेब की डिमांड अधिक है, लेकिन बाजार में बहुत कम स्टॉक बचा हुआ है. इस कारण सेब की कीमत काफी बढ़ी हुई है. सेब की आपूर्ति कब से शुरू होगी, अभी यह कहना मुश्किल है.
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