2005 में दर्ज परिवाद में हुई थी प्राथमिकी संवाददाता, मुजफ्फरपुर दहेज में बाइक के लिए विवाहिता की जहर देकर हत्या कर देने के आरोप में 20 साल पहले मिले केस में साक्ष्य के खिलाफ बयान देने को लेकर कोर्ट ने पांच गवाहों को नोटिस जारी किया है. चिकित्सक ने रिपोर्ट दी है कि मृतका जोंडिस की बीमारी से ग्रसित थी और उसी बीमारी से उसकी मौत हो गयी. चिकित्सक की रिपोर्ट के विपरीत गवाहों ने विवाहिता को जहर देकर हत्या कर देने के पक्ष में गवाही दी थी. गवाही में गलत बयान देने के मामले पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है और केस के गवाह प्रमोद कुमार, नर्मदेश्वर प्रसाद, अशोक कुमार, हरिशंकर प्रसाद और सुशीला देवी को सम्मन भेजकर शो कॉज किया गया है. पूछा गया है कि जवाब दें कि क्यों नहीं गलत बयान के लिए कानूनी कार्रवाई की जाये. इसके साथ ही दहेज हत्या को लेकर आरोपित बनाए गए पूर्वी चंपारण के मधुबन थाना के कोठिया निवासी अनिल कुमार, लक्ष्मण प्रसाद, शिव शंभू और धनेश्वरी देवी को आरोप मुक्त कर दिया गया है. सीजेएम कोर्ट में 20 साल पहले 19 अगस्त 2005 को मीनापुर के मुस्तफागंज निवासी वादी तेज नारायण प्रसाद ने परिवाद दायर कराया था. बताया था कि उसकी पुत्री पूनम भारती का विवाह तीन मार्च 2002 को अनिल कुमार से हुई थी. परिवाद में आरोप लगाया था कि अनिल समेत चार आरोपित दहेज में बाइक की मांग करते थे और नहीं मिलने पर पुत्री पूनम भारती के साथ मारपीट व प्रताड़ित करते थे. दो जुलाई 2005 को जहर देकर व मारपीट कर पूनम की उसके ससुराल में हत्या कर दी गयी. पुलिस ने जांच के बाद मामले में चारों आरोपितों पर 21 मई 2008 को चार्जशीट दायर की थी. जिसके आधार पर दहेज हत्या का केस चलाया गया.
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