मुजफ्फरपुर.
अब सरकारी स्कूलों में एनसीइआरटी की किताबें पढ़ायी जायेंगी. नयी शिक्षा नीति के तहत बदले कोर्स के अनुसार सरकारी स्कूलों में कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थी एनसीइआरटी की किताबें पढ़ेंगे. राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सज्जन आर ने इस संबंध में निर्णय लिया है. अब तक सीबीएसइ स्तर के स्कूलों में एनसीइआरटी की किताबें होती थी. लेकिन अब राज्य के सरकारी स्कूलों में एनसीइआरटी किताबें पढ़ायी जायेंगी. यह व्यवस्था वर्तमान शैक्षणिक सत्र से लागू की गयी है. दूसरी ओर एनसीइआरटी की किताब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इन बच्चों को वही चैप्टर पढ़ाये जायेंगे, जो सीबीएसइ से संबद्ध स्कूलों में पढ़ाये जाते हैं. केवल एनसीइआरटी के पुस्तक में बिहार के संदर्भ को जोड़ा गया है. जैसे बिहार की संस्कृति, सभ्यता, बिहार के विभूति, पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक स्थल आदि शामिल हैं.एनसीइआरटी की किताब से आयेंगे सवाल
मुजफ्फरपुर. कक्षा छह से आठवीं की सितंबर 2025 में होने वाली अर्द्धवार्षिक और मार्च 2026 में होने वाले वार्षिक परीक्षा नये पाठ्यक्रम एनसीइआरटी के आधार पर ही ली जायेगी. शिक्षकों को भी इससे संबंधित दिशा-निर्देश दिया गया है. एनसीइआरटी की पुस्तक पढ़ने से बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में आसानी होगी इस वजह से ऐसा किया गया है.स्कूलों में नहीं पहुंचीं किताबें
मुजफ्फरपुर. सरकारी स्कूलों में नयी पुस्तकें नहीं पहुंचीं हैं. पूर्व की कक्षा के पुस्तकें पढ़ाने का आदेश दिया है. महीने के अंत में रिवीजन कार्य की परीक्षा भी ली जायेगी. शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा कि दूसरी से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए अप्रैल में रिवीजन कक्षा होगी. इसमें पिछली कक्षा के सिलेबस का रिवीजन कराया जायेगा. इसके लिए ई शिक्षाकोष के माध्यम से विद्यालयों को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जायेगा. एमएस दीघरा के प्रधानाध्यापक सुधाकर ठाकुर ने कहा कि स्कूल मेे एक भी पुस्तक नहीं है. बच्चे पूर्व के कक्षा की पुस्तक नहीं पढ़ना चाह रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह कि छठी से आठवीं कक्षा के पाठयक्रम भी बदल गये हैं.
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