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मुजफ्फरपुर में आवारा कुत्तों का आतंक, रोजाना सैकड़ों लोग हो रहे शिकार, रैबीज टीके के लिए उमड़ रही भीड़

Muzaffarpur Dog Bite Incidents: मुजफ्फरपुर में इन दिनों आवारा कुत्तों के काटने की समस्या गंभीर बन गई है. उत्तर बिहार में औसतन 800 से 900 लोग कुत्ता काटने के शिकार हो रहे हैं, जिनमें से 300 से 350 लोग मुजफ्फरपुर से आते हैं.

Muzaffarpur Dog Bite Incidents: मुजफ्फरपुर में इन दिनों आवारा कुत्तों के काटने की समस्या गंभीर बन गई है. उत्तर बिहार में औसतन 800 से 900 लोग कुत्ता काटने के शिकार हो रहे हैं, जिनमें से 300 से 350 लोग मुजफ्फरपुर से आते हैं. ठंड के मौसम में कुत्तों का आक्रमण बढ़ गया है, विशेष रूप से सुबह और रात के समय जब सड़कें खाली होती हैं. शहर भर में कुत्तों के झुंड सड़कों पर घूमते हुए लोगों को काट रहे हैं, जिसके चलते एंटी रैबीज टीके के लिए अस्पतालों में लंबी लाइनें लग रही हैं.

आवारा कुत्तों के झुंड से समस्या गंभीर

शहर के हर गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों का झुंड देखा जा सकता है, जो पैदल चलने वालों और बाइक सवारों को दौड़ कर काट रहे हैं. कई बार कुत्तों के हमले से लोग गिर कर घायल भी हो रहे हैं. खासकर मांस-मछली की दुकानों के आसपास के कुत्ते अधिक आक्रामक हो गए हैं. इन कुत्तों के कारण लोग परेशान हैं, लेकिन नगर निगम कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. कुत्ता पकड़ने की गाड़ी अब बेकार पड़ी है.

मोतिहारी में भी बढ़ा खतरा

मोतिहारी में भी आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 80-85 लोग कुत्तों के काटने से जख्मी हो रहे हैं, जिनमें से कुछ को एंटी रैबीज वैक्सीनेशन के लिए अस्पतालों में जाना पड़ रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है.

महंगे इलाज की समस्या

कुत्ता काटने से गहरे घाव होने पर मरीजों को इम्नोग्लोबिन सूई दी जाती है, जो सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है. मरीजों को इसे बाहर से खरीदना पड़ता है, जिसकी कीमत करीब 8,000 रुपये है, जिससे गरीब मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

आवारा कुत्तों को पकड़ने का विरोध

नगर निगम की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी, लेकिन पार्षदों के विरोध के कारण कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई ठोस योजना लागू नहीं हो पाई. मेयर निर्मला साहू ने बताया कि उनके पास एक एनजीओ आया था जो कुत्तों को पकड़ कर एक जगह पर रखने के लिए तैयार था, लेकिन पार्षदों ने इसका विरोध किया.

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मानवाधिकार आयोग में शिकायत का विकल्प

राज्य में आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने के मामलों में मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर एक पैनल तैयार किया था. केरल राज्य में इस तरह के मामलों में मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है, और मुजफ्फरपुर के पीड़ितों के लिए भी मानवाधिकार आयोग में शिकायत की जा सकती है.

Anshuman Parashar
Anshuman Parashar
मैं अंशुमान पराशर पिछले दो वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. बिहार से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक, अपराध और जनसरोकार के मुद्दों पर लिखने में विशेष रुचि रखता हूं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल टीम से जुड़ा हूं. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में ग्राउंड रिपोर्टिंग और विस्तृत राजनीतिक कवरेज किया है. अब बिजनेस बीट पर काम करते हुए निवेश, सरकारी योजनाओं और आर्थिक मामलों से जुड़ी खबरों को सरल और स्पष्ट रूप में पाठकों तक पहुंचा रहा हूं. तथ्यों की प्रमाणिकता और पारदर्शी प्रस्तुति को हमेशा प्राथमिकता देता हूं.

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