मिली हरी झंडी
हथौड़ी-औराई पथ व चंदवारा फेज-दो का मामलासड़क बनने से दो इलाकों की कनेक्टविटी बढ़ेगी
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
हथौड़ी-अतरार-बभनगामा-औराई पथ व चंदवारा फेज-दो के तहत सड़क निर्माण परियोजनाओं के लिए सामाजिक प्रभाव आकलन किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इसके लिए पटना स्थित एक संस्थान द्वारा करीब साढ़े तीन लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार कर पेश किया गया था, जिसकी स्वीकृति मिल गयी है. बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने हथौड़ी-औराई पथ के एसआइए कार्य के लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय को दो लाख 26 हजार रुपये उपलब्ध कराये हैं. वहीं, चंदवारा फेज-दो के एसआइए कार्य पर करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. हालांकि, यह राशि अभी बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से उपलब्ध नहीं करायी गयी है. संस्थान ने इस परियोजना के लिए भी प्राक्कलन व प्रस्ताव तैयार कर संबंधित विभाग को सौंप दिया है. 21 किलोमीटर लंबे हथौड़ी-औराई पथ के निर्माण के लिए करीब 25 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अपनायी जायेगी. एसआइए का कार्य करने वाली पटना की चयनित संस्था को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपे.
सभी पहलुओं पर होगा विचार
इस सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट में कई अहम बिंदुओं को शामिल किया जायेगा. इसमें परियोजना क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का विस्तृत अध्ययन, योजना के निर्माण से स्थानीय लोगों पर पड़ने वाले सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव, भूमि अधिग्रहण से होने वाले लाभ व संभावित नुकसानों का मूल्यांकन प्रमुख है. इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में विस्थापन व पुनर्वास जैसी अहम पहलुओं पर भी विस्तृत जानकारी दी जायेगी, ताकि परियोजना का क्रियान्वयन सुचारू रूप से और सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया जा सके. इन दोनों सड़क परियोजनाओं के पूर्ण होने से क्षेत्र में कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे आर्थिक विकास को भी गति मिलने की उम्मीद है.सामाजिक प्रभाव आकलन की प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि विकास कार्यों के दौरान स्थानीय समुदायों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और उन्हें विकास का समुचित लाभ मिल सकें.
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