::: मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पीएचइडी व नगर विकास एवं आवास विभाग के बीच हुई समन्वय समिति की मीटिंग
::: नगर निकाय एवं इससे सटे इलाके की पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने पर फैसला
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
शहरी क्षेत्रों की जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पीएचइडी एवं नगर विकास विभाग के अधिकारियों के बीच हुई समन्वय समिति की मीटिंग के बाद लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से क्रियान्वित और संचालित जलापूर्ति योजनाओं को अब धीरे-धीरे नगर विकास एवं आवास विभाग और संबंधित नगर निकायों को हस्तांतरित किया जायेगा. जलापूर्ति योजनाओं की ऑपरेशन और मेंटेनेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है, उन्हें संबंधित नगर निकायों को तत्काल हस्तांतरित किया जायेगा. इसके साथ ही पीएचइडी को उनके संविदात्मक और अन्य दायित्वों के निपटारे के लिए अद्यतन राशि भी दी जायेगी. जो योजनाएं अभी मेंटेनेंस अवधि के अंतर्गत हैं, उनका संचालन उस अवधि तक पीएचइडी के द्वारा ही किया जायेगा. इसके बाद नगर निकायों को हस्तांतरित होगा. इस अवधि के दौरान नगर निकायों को इन योजनाओं की निगरानी, पर्यवेक्षण और जलकर संग्रहण का कार्य करना होगा और पीएचइडी को राशि का भुगतान भी करेगा. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार और नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने सभी कार्यपालक अभियंताओं और नगर आयुक्तों/कार्यपालक पदाधिकारियों को इन निर्णयों का आपसी समन्वय स्थापित करते हुए अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. साथ ही, निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने और शिकायतों का निवारण पीएचइडी के सेंट्रलाइज्ड ग्रीवांस रिड्रेसल सेल (सीजीआरसी) के माध्यम से करने पर भी जोर दिया गया है.नवगठित नगर निकायों के लिए विशेष प्रावधान
नवगठित नगर निकायों में पीएचइडी द्वारा क्रियान्वित जलापूर्ति योजनाओं का संचालन एक अप्रैल 2026 तक पीएचइडी द्वारा ही किया जायेगा. इस निर्धारित तिथि के बाद संबंधित नगर निकाय इन योजनाओं का रखरखाव और संचालन करेंगे. इसके लिए नवगठित नगर निकायों को इस तिथि तक आवश्यक तैयारी पूरी कर लेनी होगी.निर्माणाधीन और नयी योजनाओं पर भी फैसला
पीएचइडी द्वारा निर्माणाधीन जलापूर्ति योजनाओं को विभाग द्वारा पूरा करने के बाद नगर निकायों को हस्तांतरित किया जायेगा. इसके लिए आवश्यक राशि का उपबंध और हस्तांतरण नगर निकायों द्वारा शीघ्र किया जायेगा. नगर विकास एवं आवास विभाग की नई योजनाओं की निविदाओं में 15 वर्षों तक मेंटेनेंस संबंधित संवेदकों से ही कराने का प्रावधान करेगा. यह भी निर्णय लिया गया है कि देश के अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी नगर निकायों द्वारा ही सुनिश्चित की जाए, क्योंकि बुडको, नगर निगमों और नगर परिषदों की कार्य क्षमता में काफी विकास हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है