: मिठनपुरा थाने पर रखकर की जा रही पूछताछ : डीएसपी पश्चिमी वन ने अफरोज से की लंबी पूछताछ : राज्य के कई जांच एजेंसियों ने जुटायी जानकारी संवाददाता, मुजफ्फरपुर पीएफआइ के सक्रिय सदस्य मो. अफरोज को बरूराज पुलिस ने शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा से पूछताछ के लिए रिमांड पर ले आयी है. मिठनपुरा थाने पर रखकर उससे रविवार दोपहर से पूछताछ की जा रही है. जिला पुलिस की अलग- अलग टीम के अलावा राज्य के कई जांच एजेंसियों के अधिकारी भी मिठनपुरा थाने पहुंच कर मो. अफरोज से पूछताछ की है. वह मूल रूप से पूर्वी चंपारण जिला के मेहसी थाना के कस्बा गांव का रहने वाला है. डीएसपी पश्चिमी सह केस की आइओ सुचित्रा कुमारी सोमवार को मिठनपुरा थाने पहुंच कर अफरोज से पीएफआइ के उत्तर बिहार में फैले नेटवर्क के बारे में जानकारी इकट्ठा की है. बताया जा रहा है कि 24 घंटे से अधिक समय की लंबी पूछताछ के दौरान मो. अफरोज ने नेटवर्क के बारे में गोल- मटोल जवाब दे रहा है. उसने अब तक जो जानकारी दी है कि याकूब उसका बचपन का दोस्त था. उसके साथ पढ़ाई की थी. उसने ही पीएफआइ के प्रदेश उपाध्यक्ष रियाज मौरिफ से उसकी मुलाकात करवायी थी. इस दौरान रियाज मौरिफ ने उसको अपने साथ जुड़ने की बात कही थी. कुछ दिनों बाद उसको पता चला कि उसके ऊपर एफआइआर दर्ज की गयी है. वह तमिलनाडु में छिपकर पाइलिंग का काम करने लगा. जानकारी हो कि, मो. अफरोज ने पुलिस के दबिश के कारण विशेष यूएपीए कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद बरूराज पुलिस ने उससे पूछताछ के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. पांच दिनों का कोर्ट से रिमांड मिला है. जानकारी हो कि, एनआइए के इंस्पेक्टर विकास कुमार ने पांच फरवरी 2023 को बरूराज थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें बताया था कि पीएफआइ के संगठन से जुड़ने के केस में फरार चल रहे आरोपी को मो. बेलाल उर्फ इरशाद को पिछले साल पूर्वी चंपारण जिले के चकिया के हरपुर किशुनी से गिरफ्तार किया था. उससे पुलिस कस्टडी में लेकर पूछताछ किया तो उसने बताया कि चार से पांच साल पहले वह चकिया के कुनवा के रहने वाले रियाज मारूफ के संपर्क में आया था. वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ)का सक्रिय सदस्य था. रियाज मारूफ के माध्यम से वह पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी के याकूब खान के संपर्क में आया था. उन लोगों ने उसको पीएफआइ से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद वह 2020 में पीएफआइ से जुड़ गया. जब वह ट्रेनिंग पीरियड में था तो उसका संपर्क पीएफआइ से जुड़े कई लोगों के साथ हुआ था. इसमें तमिलनाडु के मो. रोसलेन, दरभंगा जिले के मो. सनाउल्लाह, मधुबनी जिले के तौसीफ, अनसारूल हक, बिहार शरीफ के शमीम अख्तर व पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी के मो. अफरोज प्रमुख रूप से शामिल है. उसने बिहार समेत दूसरे राज्यों में पीएफआइ की ओर से दी जाने वाली फिजिकल ट्रेनिंग में भी भाग लिया था. साथ ही पीएफआइ की ओर से निकाली जाने वाली रैली जो चकिया व दरभंगा में आयोजित थी उसमें भी भाग लिया. पटना के फुलवारी शरीफ में 2022 में आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में भी शामिल हुआ था. 2022 में जब पीएफआइ को सरकार ने प्रतिबंधित संगठन घोषित किया तब रियाज मारूफ गोपनीय तरीके से ट्रेनिंग व अन्य गतिविधि संचालित करने लगा. व्हाट्सएप के माध्यम से एक ऑडियो मैसेज भेजकर उसको याकूब खान, सुल्तान व उस्मान के साथ गोपनीय तरीके से मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज थाने के परसौनी में बुलाया था. यहां पीएफआइ कनेक्शन को लेकर एक बैठक की थी. मो. बेलाल के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर एनआइए ने इंस्पेक्टर विकास के नेतृत्व में बरूराज पुलिस के सहयोग से परसौनी गांव में रियाज मारूफ के रिश्तेदार मो. कादिर अंसारी के घर पर छापेमारी की थी. यहां पीएफआइ से जुड़ा प्रिंट बैनर, दो तलवार, पीएफआइ का झंडा आदि बरामद हुआ था. इसी मामले में एनआइए की ओर से प्राथमिकी बरूराज थाने में दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद रियाज महरूफ को पिछले माह मोतिहारी से गिरफ्तार किया था. इसके अलावा बरूराज पुलिस ने पटना के बेउर जेल में बंद पीएफआइ के मास्टर ट्रेनर याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उम्सान , मो. बेलाल को न्यायिक रिमांड पर लिया था. बरूराज पुलिस इस कांड में रियाज मौरिफ, बेलाल, याकूब व कादिर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर चुकी है.
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