Gen Z: चंदन सिंह, मुजफ्फरपुर. स्मार्टफोन और हाई-स्पीड इंटरनेट ने दुनिया को एक छोटा सा गांव बना दिया है, लेकिन इसी डिजिटल दुनिया में युवा पीढ़ी एक नए और खतरनाक जाल में फंस रही है – डिजिटल हनी ट्रैपिंग. दिलफेंक आशिक बनने की होड़ में हमारी युवा पीढ़ी, जिसे हम जेनरेशन जेड (13 से 28) कहते हैं, जाने-अनजाने में साइबर अपराधियों के बिछाए जाल का शिकार हो रही है.
गांवों में भी दर्ज हो रहे मामले
मुजफ्फरपुर जिले में साइबर समेत शहर व ग्रामीण के अलग-अलग थानों में डेटिंग ऐप पर ठगी के हाल में एक दर्जन से अधिक मामले सामने आए हैं. साइबर विशेषज्ञ के अनुसार, जिले में 18 से 30 साल के 53% युवा डेटिंग ऐप्स पर अपना पार्टनर तलाश रहे हैं. जेनरेशन जेड भी इनसे पीछे नहीं है. स्कूली छात्र भी ऑनलाइन गर्लफ्रेंड की तलाश में ठगी के शिकार हो रहे हैं.
टॉर्चर का खतरनाक खेल
यह जाल तब और गहरा हो जाता है जब चैट से बात वीडियो कॉल तक पहुंचती है. अपराधी प्यार और विश्वास का नाटक करके न्यूड वीडियो कॉल करने के लिए उकसाते हैं. जैसे ही युवा इस धोखे में फंसते हैं, उनकी निजी तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड कर लिए जाते हैं. यहीं से शुरू होता है टॉर्चर का असली खेल. साइबर सुरक्षा फर्म साइबर ईएक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हनी ट्रैप के 90% से अधिक मामलों में वीडियो कॉल का इस्तेमाल किया जाता है, और औसतन एक पीड़ित से 10,000 से 5 लाख रुपये तक की उगाही की जाती है.
केस स्टडी एक : आत्महत्या की कोशिश
मिठनपुरा में बारहवीं कक्षा के एक छात्र के साथ हुई घटना इसका एक दर्दनाक उदाहरण है. वह डेटिंग ऐप पर एक लड़की के संपर्क में आया और जल्द ही दोनों के बीच बातचीत गहरी हो गई. कुछ दिनों बाद, लड़की ने उसे वीडियो कॉल पर उत्तेजक बातें करने के लिए उकसाया और उसका न्यूड वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. इसके बाद जब ब्लैकमेलिंग शुरू हुई, तो छात्र ने सुसाइड का प्रयास किया.
केस स्टडी दो : स्कूली छात्र गर्लफ्रेंड बनाने में हो गया ट्रैप
साइबर थाने में बीते दिनों अहियापुर थाना क्षेत्र का 16 साल का लड़का शिकायत करने आया कि वह डेटिंग ऐप के चक्कर में फंसकर अपने पिता के खाते से 65 हजार रुपये उड़ा दिया. अब लड़की का फोन नंबर नहीं लग रहा है. पापा को पता चलेगा तो वह घर से निकाल देंगे. पैसा रिकवर करवा दीजिए.
ठगा महसूस करें तो पुलिस में शिकायत करें
साइबर एक्सपर्ट अनिकेत पीयूष का मानना है कि ऐसे मामलों में युवाओं को घबराना नहीं चाहिए, बल्कि तुरंत पुलिस में शिकायत करनी चाहिए. साइबर पुलिस के पास ऐसे मामलों से निपटने के लिए विशेष यूनिट होती हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डेटा के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग के मामलों में 150% की वृद्धि हुई है.
बचने के उपाय
- किसी भी अजनबी के साथ अपनी निजी जानकारी साझा न करें.
- डेटिंग ऐप्स पर किसी भी तरह के वीडियो कॉल पर सावधान रहें, खासकर जब वह व्यक्ति न्यूड होने की मांग करे.
- अगर आप ब्लैकमेल हो रहे हैं, तो तुरंत अपने परिवार से बात करें और पुलिस को सूचित करें.
- अगर कोई आपसे ऑनलाइन पैसे मांगता है, तो सावधान हो जाएं और बिना सोचे-समझे पैसे न भेजें.
मनोचिकित्सक की सलाह : खुद को माफ करें और बात करें
मनोचिकित्सक एके झा ने बताया कि इस तरह के मामलों में संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी युवाओं को दी जाती है. वे कहते हैं, “सबसे महत्वपूर्ण सलाह यह है कि खुद को माफ़ करें. यह समझें कि आपने प्यार और भरोसे की उम्मीद में कदम उठाया था, और इसमें आपकी कोई गलती नहीं है. अपने करीबी दोस्तों या परिवार के सदस्यों से बात करें. अगर आप किसी से बात नहीं कर पा रहे हैं, तो अपनी भावनाओं को लिखने या डायरी लिखने का अभ्यास करें.”

