Exclusive: विनय/ मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर श्मशान घाट में बताशा चुनकर खाने वाली वंचित समाज की लड़कियों ने अपनी मेहनत और लगन से वह कर दिखाया है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. इन लड़कियों ने खेलो इंडिया स्टेट वीमेंस वूशु लीग में पांच मेडल जीतकर न सिर्फ अपना, बल्कि अपने स्कूल और पूरे इलाके का नाम रोशन किया है. यह लड़कियां सिकंदरपुर मुक्तिधाम में चल रहे ‘अप्पन पाठशाला’ में पढ़ती हैं, जहां उन्हें मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इस स्कूल में फिलहाल 135 बच्चे पढ़ते हैं और शिक्षक यहां मुफ्त में अपनी सेवाएं देते हैं.
वीमेंस वुशू लीग में बिहार की 300 छात्राओं ने लिया था हिस्सा
खेलो इंडिया स्टेट वीमेंस वूशु लीग में बिहार की 300 छात्राओं ने हिस्सा लिया था. पहली बार अप्पन पाठशाला की यह छात्राएं किसी प्रतियोगिता में शामिल हुईं थी, लेकिन आत्मविश्वास और मेहनत से इन छात्राओं ने मेडल जीत कर सभी को अचंभित कर दिया. इन छात्राओं ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और कई राउंड जीतकर अपनी क्षमता का परिचय दिया. कुछ छात्राओं ने आखिरी तीनों राउंड जीते तो कुछ ने दो राउंड में ही जीत दर्ज कर ली. इस पाठशाला की हारने वाली छात्राओं ने भी निराश होने की बजाय उससे सीख लेते हुए अगली बार और बेहतर प्रदर्शन करने का संकल्प लिया. कोच सुनील कुमार और अजीत सिंह ने कहा पहली ही राज्य स्तर की प्रतियोगिता में इतने मेडल जीतकर छात्राओं ने यह साबित कर दिया है कि वह किसी से कम नहीं हैं और अगर सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिले तो किसी भी मुश्किल को पार कर सकती है.
मेडल विजेताओं के नाम
संध्या (कक्षा 2): कांस्य पदक
विद्या (कक्षा 3): कांस्य पदक
दिव्या (कक्षा 8): कांस्य पदक
मान्या (कक्षा 6): रजत पदक
मीरा (कक्षा 7): रजत पदक
अप्पन पाठशाला के संस्थापक सुमित कुमार ने बताया है कि यह जीत निश्चित रूप से अन्य छात्राओं को भी प्रेरित करेगी और उन्हें खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी. अप्पन पाठशाला हमेशा इन लड़कियों के साथ हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है. यह उपलब्धि न सिर्फ छात्राओं के लिए गर्व की बात है, बल्कि अप्पन पाठशाला और इससे जुड़े सभी शिक्षकों के लिए भी बेहद खास है. हमारी मेहनत अब साकार हो रही है.
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