वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जिले में छात्रों से जुड़ी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले 168 प्रधानाध्यापकों पर शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) डाटा अपडेट न करने के आरोप में योजना एवं लेखा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) ने इन सभी का सितंबर 2025 से 10 प्रतिशत वेतन और मानदेय रोकने का आदेश जारी किया है. इस कदम से लापरवाह शिक्षकों में हड़कंप मच गया है. इस लापरवाही का सीधा असर जिले के 16 प्रखंडों के हजारों छात्रों पर पड़ेगा. डाटा अपडेट न होने के कारण इन छात्रों को छात्रवृत्ति, ड्रेस, किताबें और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा. सरकार इस मामले को लेकर पहले से ही गंभीर है और लगातार डाटा अपडेट करने के निर्देश दे रही थी. डीपीओ ने प्रधानाध्यापकों को भेजे गए पत्र में स्पष्ट कहा है कि विभागीय कार्यों में रुचि न लेना और डीबीटी से संबंधित काम को पूरा न करना एक तरह की अनुशासनहीनता है. उन्होंने सभी चिह्नित प्रधानाध्यापकों से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है और चेतावनी दी है कि वे जल्द से जल्द आवश्यक दस्तावेज जमा कराएं.— क्या है डीबीटी?
डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) एक ऐसी सरकारी योजना है, जिसके तहत छात्रों के बैंक खातों में सीधे पैसा भेजा जाता है. इसका उद्देश्य प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और धोखाधड़ी को रोकना है. इस प्रणाली में छात्रों के आधार और बैंक खातों को आपस में जोड़ा जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

