Bihar Election Express: मुजफ्फरपुर. सब्जी की खेती के हब के तौर पर मशहूर सकरा विधानसभा क्षेत्र की जनता ने इस बार विधानसभा चुनाव में सकरा को अनुमंडल बनाने और कृषि आधारित उद्योग की स्थापना को प्रमुख मुद्दा बनाया है. प्रभात खबर का इलेक्शन एक्सप्रेस जब पांचवें दिन सकरा पहुंचा और बलिराम प्लस टू स्कूल में चौपाल सजी, तो लोगों ने खुलकर अपने मन की बात रखी और नेताओं से तीखे सवाल किए. क्षेत्र की जनता ने स्वास्थ्य और शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए. लोगों ने कहा कि सकरा का रेफरल अस्पताल बदहाल है. कई स्कूलों के भवन जर्जर स्थिति में हैं.

ये नेता रहे मौजूद
चौपाल में सत्ता पक्ष से विधायक अशोक कुमार चौधरी (जदयू), राजद के सतीश पासवान, भाजपा के सचिन राम, कांग्रेस के उमेश राम और जनसुराज के प्रवीण कुमार समेत अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. किसानों के मुद्दे को उठाते हुए वीरेंद्र राय ने कहा कि सरकारी नलकूप बंद हैं और तिरहुत नहर में पानी नहीं आता. पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए चैनल का निर्माण नहीं हुआ है. विधायक अशोक चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार किसानों की समस्या को गंभीरता से ले रही है और वह इनके समाधान का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि विधायक के जवाब से लोग संतुष्ट नहीं हुए. लोगों ने पेंशन और सरकारी योजनाओं को लेकर भी अपनी राय रखी. सुरेंद्र पंडित ने पेंशन राशि 2500 रुपये करने की मांग की, जबकि अवनीश कुमार ने हर घर की एक महिला के खाते में 10 हजार रुपये देने की योजना को जीविका से टैग करने पर सवाल उठाया. चौपाल में थाना और अंचल कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर तीखे सवाल हुए.
विधायक से मुलाकात भी मुश्किल
अशोक राम ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जमीन का कोई भी काम बिना पैसे के नहीं होता है. उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालय में आम लोग लगातार चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन उनका काम नहीं होता. उन्होंने यह शिकायत भी की कि स्थानीय विधायक से भी लोगों की मुलाकात आसानी से नहीं हो पाती है, जिससे उनकी समस्याएं अनसुनी रह जाती हैं. जनसुराज नेता प्रवीण कुमार को उनकी पार्टी द्वारा कार्ड बनाने के नाम पर पैसे लेने के आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसे उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए इसे अफवाह बताया. सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी पार्टी के विजन और मिशन को साझा किया और जनता के सवालों के जवाब दिए. चौपाल में जनसुराज की रेणु पासवान ने भी अपनी बात रखी, वहीं कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधियों ने भी अपने दल का पक्ष प्रमुखता से रखा.

