: कमीशन के चक्कर में साइबर अपराधियों के बीच हुआ था विवाद
: अहियापुर के होटल में चार दिनों से रुके थे तीन साइबर अपराधी: मधुबनी में राम प्यारी नंद लाल सेवा संस्थान से रजिस्टर्ड है एनजीओ
: मोबाइल, पॉस मशीन, एटीएम, क्रेडिट, बायोमेट्रिक मशीन बरामदसंवाददाता, मुजफ्फरपुर
साइबर फ्रॉड गिरोह के द्वारा देश के अलग- अलग राज्यों से साइबर फ्रॉड करके एनजीओ के खाते आठ करोड़ 33 लाख रुपये के लेन- देन का खुलासा जिला पुलिस ने किया है. इस दौरान चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. उनकी पहचान उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला के गौरीगंज निवासी अभिषेक पांडेय, बिहार के मधुबनी जिला के फुलपरास थाना के धर्मडीहा निवासी कृष्णा कुमार सिंह व विक्रम कुमार सिंह और मुजफ्फरपुर जिला के मुशहरी थाना के माधोपुर निवासी गुड्डू कुमार के रूप में किया गया है. उनके पास से छह मोबाइल फोन, छह डेबिट कार्ड, दो चेकबुक, पासबुक एक, पैन कार्ड चार, आधार कार्ड तीन, मेट्रो कार्ड एक, एनजीओ का मोहर चार, ड्राइविंग लाइसेंस एक, मतदाता पहचान पत्र एक, वाहन का आरसी एक, लैपटॉप दो, बायोमेट्रिक फिंगर स्कैनर एक , आइ रेटिना स्केनर एक, वेब कैमरा एक, आधार एनरोलमेंट प्राप्ति रशीद छह, कलाई घड़ी एक, मंत्रा कंपनी का फिंगर प्रिंट स्कैनर तीन, लाइव स्कैनर फिंगरप्रिंट व आइडेंटिफिकेशन फ्लेट डिवाइस एक बरामद किया गया है.साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बुधवार की दोपहर गुप्त सूचना मिली थी कि अहियापुर के मेडिकल ओवरब्रिज के पास एक होटल में पिछले चार दिनों से तीन लड़के रुके हुए हैं. वह रोज महंगे- महंगे सामानों की खरीदारी कर रहा है. उनके बीच में रुपये की कमीशन को लेकर विवाद व मारपीट हो रहा है. सूचना के आलोक में अहियापुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंच कर तीनों लड़कों को हिरासत में लिया. प्रारंभिक जांच के बाद तीनों की साइबर फ्रॉड गिरोह से जुड़े होने की आशंका हुई. इसके बाद साइबर थाने की पुलिस तीनों को थाने लाकर पूछताछ शुरू की तो दंग रह गए. मधुबनी जिला के फुलपरास थाना के कृष्ण कुमार सिंह व उनके भतीजा विक्रम कुमार सिंह के नाम से रजिस्टर्ड एनजीओ राम प्यारी नंद लाल सेवा संस्थान के नाम से एक्सिस बैंक के खाता पर बीते एक सप्ताह में आठ करोड़ 33 लाख रुपये के लेनदेन की जानकारी मिली. ये सभी रुपये देश के अलग- अलग राज्यों से इन्वेस्टमेंट फ्रॉम, गेमिंग फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट समेत ठगी के अन्य माध्यमों से भेजा गया था. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. उनको कोर्ट में प्रस्तुत करके न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. माफिया दे रहे थे 1.5 परसेंट, एनजीओ संचालक मांग रहे थे तीन करोड़
पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आयी है कि साइबर फ्रॉड की जो आठ करोड़ 33 लाख रुपये एनजीओ के खाते में आए उसको लेकर साइबर फ्रॉड गिरोह के माफिया उनको डेढ़ प्रतिशत कमीशन दे रहे थे. बल्कि खाता धारक 40 प्रतिशत करीब तीन करोड़ रुपये डिमांड कर रहा था. इसको लेकर ही तीनों के बीच में विवाद शुरू हुआ और मारपीट की नौबत पहुंच गयी .मुशहरी में फर्जी आधार कार्ड बनाकर निकाला जा रहा था सिम कार्ड
यूपी के अमेठी के साइबर अपराधी अभिषेक पांडेय से जब पूछताछ किया गया तब बताया कि उसका दोस्त मुसहरी थाना के माधोपुर निवासी गुड्डू कुमार जो आधार सेंटर चलाता है वह फर्जी आधार कार्ड बनाता है. उससे सिम कार्ड निकाल कर साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल करता था. उसको फ्रॉड की राशि में से कमीशन मिलता था. मुसहरी के ही सोनू उर्फ महाबीर कुमार भी इस गिरोह में शामिल है. वह गिरफ्तारी के डर से फरार चल रहा है.दिल्ली में बैठा प्रमोद चौधरी है गिरोह का सरगना
साइबर फ्रॉड गिरोह का सरगना दिल्ली का प्रमोद चौधरी उर्फ प्रमोद सिंह है. यह अभिषेक पांडेय के माध्यम से करेंट अकाउंट रेंट पर लेता है. इसमें साइबर फ्रॉड की राशि मंगवाने के बाद उसके कमीशन देता है. छत्तीसगढ़ में अभिषेक से गुड्डू कुमार व सोनू उर्फ महाबीर कुमार की तीन साल पहले मुलाकात हुई थी. इसके बाद वह फ्रॉड से जुड़ गया .:: अभिषेक पांडेय के खाते पर आठ राज्यों से हैं 20 रिपोर्ट
अभिषेक पांडेय के खाते की जब जांच की गयी तो उसपर देश के अलग- अलग राज्यों से पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड, यूपी समेत आठ राज्यों से फ्रॉड की 20 शिकायत आयी है. वहीं, मधुबनी की राम प्यारी नंदलाल सेवा संस्थान एनजीओ के नाम पर दो शिकायत आयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

