38 हजार बच्चों को नहीं लगा टीका
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विडंबना. विशेष अभियान के बाद भी जेइ टीकाकरण से छूट रहे बच्चे
38 हजार बच्चों को नहीं लगा टीका मुजफ्फरपुर : जिले के 38 हजार बच्चों का जीवन खतरे में है. इन्हें अब तक जेइ का वैक्सीन नहीं दिया गया है, जबकि इंसोफ्लोपैथी बीमारी कभी भी शुरू हो सकती है. टीकाकरण से छूटे बच्चों के लिए विभाग की ओर 10 मार्च से अभियान चलाया गया, लेकिन अभी […]
मुजफ्फरपुर : जिले के 38 हजार बच्चों का जीवन खतरे में है. इन्हें अब तक जेइ का वैक्सीन नहीं दिया गया है, जबकि इंसोफ्लोपैथी बीमारी कभी भी शुरू हो सकती है.
टीकाकरण से छूटे बच्चों के लिए विभाग की ओर 10 मार्च से अभियान चलाया गया, लेकिन अभी तक आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली है. टीकाकरण नहीं होने से विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं. छूटे हुए बच्चाें का सर्वे कर उन्हें प्रतिरक्षित करना विभाग के लिए चुनौती है.
एक लाख 33 हजार टीकाकरण का था लक्ष्य
एक से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए विभाग को एक लाख 33 हजार का लक्ष्य दिया गया था. जिसमें अब तक 95 हजार बच्चाें का ही टीकाकरण किया जा सका. अन्य बच्चों की पहचान के लिए पीएचसी स्तर पर सर्वे किया जा रहा है. विशेष अभियान के तहत सभी पीएचसी प्रभारियों को निर्देश भी दिया गया है कि अपने क्षेत्र में जेइ का टीकाकरण के प्रति सजग रहे.
एक सप्ताह बाद काम करता है वैक्सीन
वैक्सीन लगने के एक सप्ताह के बाद यह असर दिखाना शुरू करता है. डॉक्टर बताते हैं कि जेइ का वैक्सीन पड़ने के बाद कम से कम एक सप्ताह का समय चाहिए. उसके बाद ही वैक्सीन काम करता है. इस बीच यदि जेइ का अटैक होता है तो टीका निष्प्रभावी हो जाता है.
नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए दवा नहीं
मुजफ्फरपुर . सदर अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों के इलाज के लिए दवाएं नहीं हैं. आलम यह है कि कोई गंभीर मरीज आ जाए तो उसकी चिकित्सा नहीं की जा सकती. डॉक्टरों के पास उसे रेफर करने के सिवा दूसरा उपाय नहीं है. केंद्र की स्स्थिति को देखते हुए नोडल प्रभारी डॉ श्वेतांकी ने सीएस से जरूरी दवाओं की मांग की है.
उन्होंने पत्र लिख कर कहा है कि केद्र में 15 तरह की नहीं है. इसके बिना इलाज संभव नहीं है. इन दवाओं में डायजीपाम, क्लोराडिया, थाइमिन, स्लाइन सहित अन्य दवाएं शामिल हैं. सीएस ने हॉस्पिटल मैनेजर को दवा उपलब्ध कराने को कहा है.
छूटे गये बच्चों के लिये 10 मार्च से चलाया गया था अभियान, मुश्किल में स्वास्थ्य विभाग, करा रहा सर्वे
2013 में चला था विशेष अभियान
वर्ष 2012 में एइएस के अत्यधिक कहर के बाद 2013 में भी विशेष अभियान चलाकर एक से 15 वर्ष तक के बच्चों को जेइ का टीकाकरण किया गया था. इस दौरान जिले में डेढ़ लाख बच्चों का टीकाकरण हुआ था. उसके बाद जेइ को रूटीन टीकाकरण में शामिल कर लिया गया. इस कारण अन्य वैक्सीन से वंचित रहने वाले बच्चे जेइ के वैक्सीन से भी वंचित रह गये.
जेइ के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. 71 फीसदी से कुछ ज्यादा लक्ष्य पूरा कर लिया है. आनेवाले समय में हम पूरा लक्ष्य प्राप्त करेंगे.
– डॉ अनिल कुमार सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
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