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जनवरी में हुआ फरवरी के अंतिम सप्ताह व मार्च का तापमान

जनवरी में हुआ फरवरी के अंतिम सप्ताह व मार्च का तापमानगेहूं और म‍क्का में बालियां निकलने का खतरासारण के गरखा और छपरा के सिताब दियारा में निकली बालियां इस बर्ष लगातार बढ़ा रहा दो से चार डिग्री तापमान वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जनवरी में ही फरवरी के अंतिम सप्ताह व मार्च का तापमान हो गया है. […]

जनवरी में हुआ फरवरी के अंतिम सप्ताह व मार्च का तापमानगेहूं और म‍क्का में बालियां निकलने का खतरासारण के गरखा और छपरा के सिताब दियारा में निकली बालियां इस बर्ष लगातार बढ़ा रहा दो से चार डिग्री तापमान वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जनवरी में ही फरवरी के अंतिम सप्ताह व मार्च का तापमान हो गया है. इन दिनों तापमान बढ़ने से किसानों के चेहरे मुरझा रहे हैं. गेहूं व मक्का की बालियां समय से पहले ही निकल जाने का खतरा मंडराने लगा है. लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी बेहतर गेहूं उत्पादन की संभावना नहीं बन रही है. क्योंकि पौधों से बालियां निकलने के समय जो तापमान रहता है वही तापमान इनदिनों उत्तर बिहार में है. यानी 16 से 20 डिग्री के बदले 25.5 डिग्री तापमान चल रहा है. यह काफी खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है. सारण जिले के गरखा और छपरा के सिताब दियारा प्रखंड में कई जगह बालियां निकलने की शिकायत लेकर किसान कृषि विज्ञान केंद्र मांझी में पहुंचे. किसानों ने वैज्ञानिकों को बताया कि 40 से 45 दिन के गेहूं में छोटी-छोटी बालियां निकली है. लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका. वैज्ञानिकों ने कहा, 25 डिग्री तापमान हो जाने पर पौधे काफी जल्द ही कम आयु में बालियां दे देते हैं. अभी सिंचाई कर नमी बनाये रखना थोड़ा कारगर कदम हो सकता है. लेकिन, अधिक कुछ नहीं किया जा सकता है. सहायक निदेशक पौधा संरक्षण देवनाथ प्रसाद बताते हैं कि यहां पर इन दिनों तापमान 25.5 से 25.8 डिग्री सेल्सियस तक तापमान चल रहा है. सोमवार को भी 24 डिग्री सेल्सियस तापमान था. यह किसी भी स्थिति में गेहूं व मक्का के लिए नुकसानदायक ही हैं. यह तापमान बालियां निकलने के समय का तापमान है. फरवरी के अंतिम सप्ताह और मार्च का तापमान है. इस तापमान में पौधे की आयु जो भी हो बालियां निकल सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र मांझी के डॉ आर के झा बताते हैं कि पौधा सूर्य की रोशनी का घंटा जोड़ता है. धूप जितनी अधिक मिल जायेगी, उस समय जोड़कर पौधा परिपक्व हो जाता है. कुल मिलाकर बालियां निकलने और इसे पकाने के समय का तापमान अभी है. गेहूं व मक्का में बालियां निकल सकती है. इसलिए गेहूं की बोआई पहले अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में की जाती थी. लेकिन, बदलते समय के अनुसार लोग दिसंबर व जनवरी में भी बोआई करते हैं.कब चाहिए कितना तापमान गेहूं बोआई के समय 20 से 25 डिग्री सेल्सियस कल्ले निकलने के समय 15 से 20 डिग्री सेल्सियस पौधों के विकास के समय 17 से 22 डिग्री सेल्सियस फूल और दाना आने के समय 20 से 25 डिग्री सेल्सियस

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