– 2022 में बिहार एसटीएफ की जांच के बाद नगर थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी – मुजफ्फरपुर समेत तीन जिलों पुलिस अधीक्षक के आदेश पर बनी थी सूची – नगर, अहियापुर, सदर और कांटी थाना क्षेत्र से जारी है कई फर्जी सिम कार्ड संवाददाता, मुजफ्फरपुर फर्जी नाम- पते व आधार कार्ड कार्ड पर सिम कार्ड जारी करने वाले 250 से अधिक रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर पर पुलिस तीन साल बाद भी कार्रवाई नहीं कर पायी है. 17 मई 2022 को बिहार एसटीएफ की जांच के बाद मुजफ्फरपुर में फर्जी आधार कार्ड पर सिम कार्ड जारी करने वाले 208 रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर पर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लेकिन, पुलिस अब तक इस कांड में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पायी है. पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार , एसटीएफ की जांच में पता चला है कि ये सिम कार्ड का इस्तेमाल नक्सलियों, शराब धंधेबाज और अलग-अलग गिरोहों के अपराधी इस्तेमाल कर रहे हैं. फिरौती, रंगदारी व साइबर अपराध में भी इन सिम का इस्तेमाल हो रहा है. जांच के दौरान पता चला था सिवान जिले के एक कम्यूनिकेशन सेंटर ने मुजफ्फरपुर के फर्जी पते पर 53 से अधिक सिम कार्ड जारी किए थे. वहीं, नगर थाने में दूसरी एफआइआर गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा और भागलपुर के पुलिस कार्यालय के आदेश पर की गई. इसमें चार सिम डिस्ट्रीब्यूटर व रिटेलर को आरोपित बनाया गया था. तत्कालीन नगर थानेदार अनिल कुमार के बयान पर दर्ज एफआइआर में कहा गया था कि फर्जी नाम-पते पर जारी सिम कार्ड से आपराधिक वारदात और शराब सिंडिकेट में इस्तेमाल हो रहा है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद तत्कालीन एसएसपी जयंतकांत के आदेश पर शुरुआत में पुलिस ने अनुसंधान जारी रखा. सदर, अहियापुर, नगर, मिठनपुरा के दो दर्जन से अधिक सिम कार्ड डिस्ट्रीब्यूटर व रिटेलर के यहां जाकर छानबीन भी की थी. लेकिन, इसके बाद धीरे- धीरे यह केस ठंडे बस्ते में चला गया है.
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