मुजफ्फरपुर : नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं को तेजी से न्याय दिलाने के लिए जल्द ही उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, माेतीहारी, समस्तीपुर, बेतिया व वैशाली में पॉक्सो का स्पेशल कोर्ट खुलेगा.विधि विभाग के सचिव ने सभी जिलाधिकारी को पत्र लिख इसके लिए जमीन एवं अन्य आधार भूत संरचना उपलब्ध कराने को कहा है.दरअसल पॉक्सो कानून के तहत 100 से ज्यादा मामले लंबित हैं वहां फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना करने की योजना है.
पत्र में आगे बताया गया है कि स्पेशल कोर्ट के लिए भवन निर्माण के लिए व्यवहार न्यायालय में जगह चिन्हित किया जाये, अगर उपयुक्त भू- खंड बाकी उपलब्ध नहीं हो तो सिविल कोर्ट के आस – पास किसर स्थान पर भवन का निर्माण किया जाये.इसकी सूचना भूमि सुधार विभाग को अविलंब दी जाये.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पॉक्सो कोर्ट में वेटिंग रुम, विटनेस रुम के साथ चाइल्ड फ्रेंडली वातावरण तैयार करना है.पूरे देश में 54 फास्ट ट्रैक का स्थापना किया जाना है.
मुजफ्फरपुर, दरभंगा, माेतीहारी, समस्तीपुर, बेतिया व वैशाली, मधुबनी में पॉक्सो के 200 से लेकर 400 तक के मामले लंबित है़ं मुजफ्फरपुर में 481, बेतिया में 570, दरभंगा में 242, माेतीहारी में 386, मधुबनी 345, समस्तीपुर 239, सीतामढ़ी 285 एवं हाजीपुर में 115 केस पेंडिंग हैं.
क्या है पॉक्सो एक्ट ?
साल 2012 में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए पॉक्सो एक्ट बनाया गया था. इस कानून के जरिये नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध व छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. ये एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है. इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है. बता दें कि देश भर में लागू होने वाले इस अधिनियम के तहत सभी अपराधों की सुनवाई, एक विशेष न्यायालय द्वारा कैमरे के सामने बच्चे के माता-पिता की मौजूदगी में होती है.