मुजफ्फरपुर : चर्चित बालिका गृह कांड में दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट गुरुवार को दोपहर दो बजे फैसला सुनायेगा. इस मामले में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर समेत 21 के खिलाफ दायर चार्जशीट पर कोर्ट ने आपराधिक षड्यंत्र, यौन उत्पीड़न और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किया था. सीबीआइ ने पाॅक्साे की जिन धाराओं के तहत आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है,उनमें दोष सिद्ध होने पर कम से कम 10 वर्ष और अधिकतम उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. कोर्ट के फैसले पर सबकी नजरें टिकी हैं.
एक अक्तूबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने नवंबर मध्य तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था. सीबीआइ गुरुवार को कोर्ट में पूरक चार्जशीट भी दायर कर सकती है. इस मामले में बीस आरोपित जेल में हैं, वहीं डॉ प्रोमिला को सीबीआइ अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट पर मुजफ्फरपुर के महिला थाने में मई, 2018 में बालिका गृह में कई बच्चियों से दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न की शिकायत आने पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. सुप्रीम काेर्ट ने इसी साल सात फरवरी को मुजफ्फरपुर काेर्ट से केस काे दिल्ली के साकेत पाॅक्साे काेर्ट में स्थानांतरित कर त्वरित सुनवाई करने काे कहा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 फरवरी से मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही है.
टिस की टीम ने किया था खुलासा
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की कोशिश टीम ने दिसंबर, 2017 में बालिका गृह का निरीक्षण किया था. टिस ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह की बच्चियों का याैन उत्पीड़न हाे रहा है. उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित भी किया जा रहा है.