मुजफ्फरपुर : अमेरिका की डलास शहर में रहने वाली क्रिस्टी इस वर्ष छठ करेगी. पिछले पांच वर्षों से वह बिहार की सहेलियों साथ डलास शहर के नाॅर्थ पार्क लेक में छठ देखती थी. छठ की महिमा ने क्रिस्टी को इतना प्रभावित किया कि वह इस वर्ष सूर्य को अर्ध्य देने के लिए छठ व्रती हो गयी.
डलास शहर में एक समूह बनाकर छठ कराने वाली भारतीय मूल की काजल कर्ण ने बताया कि अमेरिका में भी छठ भव्यता के साथ मनाया जाता है. डलास शहर में ही नॉर्थ पार्क लेक पर छठ के दिन 200 से अधिक लोग जमा होते हैं. इनमें बिहार के साथ नेपाल के जनकपुर की भी महिलायें शामिल हैं.
मैक्सिकन मूल की हैं क्रिस्टी. क्रिस्टी अमेरिकी मैक्सिकन मूल की है. लेकिन छठ के प्रति उसकी आस्था गजब की है. क्रिस्टी हर वर्ष नहाये खाये के दिन से ही छठ व्रतियों की मदद में लग जाती थे.लेकिन इस बार उन्होंने खुद यह व्रत करने का बीड़ा उठाया है. क्रिस्टी ने बताया कि उसके परिवार वाले भी छठ का त्योहार उत्साह से मनाते हैं. हमलोग भारतीय कपड़े पहन कर घाटों पर जाते हैं. उसके दोस्तों ने उसे साड़ी बांधना भी सिखा दिया है.
अमेरिकी घाटों पर बजेंगे शारदा सिन्हा के छठ गीत. छठ की छटा अमेरकी घाटों पर भी खूब बिखरेगी. काजल कर्ण ने बताया कि हमलोग शारदा सिन्हा के छठ गीत बजाते हैं. देखनरे से कहीं ऐसा नहीं लगता कि अमेरिका में छठ किया जा रहा है. सुबह के अर्घ्य के लिए भी लोग अल सुबह ही उठते हैं और डाला लेकर पहुंच जाते हैं.