मुजफ्फरपुर : या हुसैन की सदायों के साथ लंबा कारवां. आगे अलम उठाए अकीदतमंदों की लंबी कतार, कंधे पर हजरत इमाम हुसैन का ताबूत, गाजी अब्बास का अलम, ताजिया व हजरत अली असगर का झूला लेकर गमगीन कदमों से लोग चल रहे थे. सबसे पीछे-पीछे इमाम हुसैन का प्रिय सवारी घोड़ा. काले लिबास में गम में डूबे लोग छाती पीटते, मातम करते आगे बढ़ रहे थे.
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या हुसैन की सदाओं के साथ बढ़ता रहा कारवां, ब्लेड मातम से छलनी किया सीना
मुजफ्फरपुर : या हुसैन की सदायों के साथ लंबा कारवां. आगे अलम उठाए अकीदतमंदों की लंबी कतार, कंधे पर हजरत इमाम हुसैन का ताबूत, गाजी अब्बास का अलम, ताजिया व हजरत अली असगर का झूला लेकर गमगीन कदमों से लोग चल रहे थे. सबसे पीछे-पीछे इमाम हुसैन का प्रिय सवारी घोड़ा. काले लिबास में गम […]
कोई जार-जार रो रहा था तो कोई हुसैन की शहादत की याद में खुद को पीड़ा दे रहा था. मौका था चेहल्लुम के मौके पर रविवार को कमरा मुहल्ला से शिया समुदाय की ओर से निकाले गये जुलूस का. यहां से जुलूस निकल कर सरैयागंज, छाता बाजार, टावर चौक व कपंनीबाग होते हुए कर्बला पहुंचा. इससे पूर्व कमरा मुहल्ला स्थित अल्हाज
नवाब मो तकी खां वक्फ स्टेट इमामबाड़ा में जुलूस की मजलिस हुई. जिसे मौलाना सैयद ताहिर हुसैन ने खिताब फरमाया. यहां से निकले जुलूस में रास्ते भर जिला भर की अंजुमनों और नौहाख्वानों ने नौहाख्वानी की. इसमें शिया समुदाय के बुजुर्गों व नौजवानों सहित बच्चों ने भी जंजीर, ब्लेड व तलवार से मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया.
इमाम हुसैन सहित कर्बला में उनके साथ शहीद हुए 72 साथियों की याद में निकला जुलूस का जगह-जगह पर ठहराव किया गया. टावर चौक पर जाकिर-ए-अहलेबैत जौन रिजवी ने तक़रीर करते हुए हजरत इमाम हुसैन की शहादत व जीवनी पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाने के लिए अपनी शहादत दी. हमलोगों को यह संदेश दिया कि जुल्म के विरोध में डटकर खड़े रहो, चाहे जान ही क्यों न देनी पड़े. उधर ब्रह्मपुरा से भी अलम का जुलूस निकला. यहां से लोग मातम करते हुए मेहदी हसन चौक होते हुए कर्बला पहुंचे. यहां पहलाम किया गया. इसके अलावा पैगंबरपुर कोल्हुआ व बंगरा से भी चेहल्लुम का जुलूस निकाला गया.
सुन्नी समुदाय ने अखाड़ा निकाल किया प्रदर्शन
चेहल्लुम पर सुन्नी समुदाय ने अखाड़ा निकाल जगह-जगह तलवारबाजी का प्रदर्शन किया. समुदाय के युवाओं ने रात्रि आठ बजे से अखाड़ा निकालना शुरू किया. महाराजी पोखर, कन्हौली, रामबाग चौड़ी सहित अन्य स्थानों से निकला अखाड़ा टावर चौक पर पहुंचा.
यहां सामूहिक रूप से सभी ने तलवार बाजी का करतब दिखाया. हालांकि प्रशासन की ओर से रोक के कारण मरकरी से मातम व मुंह से आग निकालने का करतब युवा नहीं दिखा सके.मौके पर शांति समिति के अब्दुल माजिद, रियाज अंसारी, मो चांद, पाले खान, वसीम अहमद मुन्ना, वसीउल हक रिजवी,संजय केजरीवाल, विवेक कुमार आदि मौजूद थे.
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