मुजफ्फरपुर : जल- संरक्षण राष्ट्रीय प्राथमिकता का विषय है. प्रशासनिक स्तर के साथ-साथ सामूहिक, व्यक्तिगत एवं वैश्विक स्तर पर जल का संरक्षण समय की आवश्यकता है. ऐसी स्थिति में सरकारी प्रयासों के अलावा भी हम सभी को जल की एक-एक बूंद को बचाना होगा.
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मुजफ्फरपुर : जलशक्ति अभियान के लिए डीएम ने की बैठक
मुजफ्फरपुर : जल- संरक्षण राष्ट्रीय प्राथमिकता का विषय है. प्रशासनिक स्तर के साथ-साथ सामूहिक, व्यक्तिगत एवं वैश्विक स्तर पर जल का संरक्षण समय की आवश्यकता है. ऐसी स्थिति में सरकारी प्रयासों के अलावा भी हम सभी को जल की एक-एक बूंद को बचाना होगा. यह बातें डीएम आलोक रंजन घोष ने जल शक्ति अभियान के […]
यह बातें डीएम आलोक रंजन घोष ने जल शक्ति अभियान के तहत आयोजित बैठक में कही. कलेक्ट्रेट सभागार मेंं आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि जल को सुरक्षित रखने के लिए सही प्रबंधन के अनुसार कार्य करना होगा.
भू-गर्भ जल का दोहन, पारंपरिक जल स्रोतों का तेजी से विलुप्त होना, वर्षा की अनियमितता, शहरीकरण से उत्पन्न गंभीर जल संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी अभियान जल शक्ति अभियान को जन सहयोग से सफल बनाना है. जल संचय को लेकर ग्रामीण विकास, पीएचइडी, जीविका, भवन निर्माण, वन विभाग, लघु सिंचाई, कृषि इत्यादि विभागों के पदाधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिये गये.
बताया गया कि वर्षा जल को रोकने एवं बहने से बचाने के लिए पुराने तालाबो की उड़ाही के साथ- साथ बड़े पैमाने पर नये तालाबो का निर्माण होगा. इसके लिए सार्वजनिक कुआं जिनकी संख्या लगभग 840 है की उड़ाही करायी जायेगी. सभी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया गया.
सभी प्रखंडों में मुसहरी और सकरा सहित व्यापक रूप से वृक्षारोपण कार्यक्रम भी चलाये जायेंगे. बैठक में डीडीसी उज्ज्वल कुमार, एडीएम आपदा- अतुल कुमार बर्मा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो फैय्याज अख्तर, ज्योति कुमार, डीपीआरओ कमल सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी केके वर्मा के साथ सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, सभी बीडीओ और सभी पीओ उपस्थित थे.
नये तालाब का होगा निर्माण, बनेगी पाइप लाइन
जल संरक्षण की योजना में तालाब का निर्माण, आहार, पोखर, नहर, पाइप लाइन की योजनाएं ली जायेंगी. अभियान के तहत भू-गर्भ जल संरक्षण, भू-गर्भ जल धारण क्षमता में वृद्धि से संबंधित संरचनाओं का निर्माण, छत का वर्षा जल संचयन की संरचना का निर्माण, चापाकल एवं बोरवेल से निकलने वाले व्यर्थ पानी के संचयन हेतु सोक/रिचार्ज पीट का निर्माण, पारंपरिक जल स्रोतों का जीणोद्धार, तालाबों की उड़ाही, नये तालाबों का निर्माण, खेत पोखर से संबंधित निर्माण कार्य, रिचार्ज पीट, सोक पीट का निर्माण, सूक्ष्म एवं लघु सिंचाई से संबंधित कार्य, सभी चापाकल एवं सार्वजनिक कुंओं के लिए सोक पिट का निर्माण करना, सरकारी भवनों के लिए छत के वर्षा जल की संचयन की संरचना का निर्माण करना इत्यादि कार्य किये जायेंगे.
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