मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में जानलेवा बने चमकी बुखार से सोमवार को 16 बच्चों की मौत हो गयी. इस बीमारी से पिछले एक सप्ताह से बच्चे लगातार आक्रांत हो रहे हैं. सोमवार को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में 43 बच्चे गंभीर हालत में भर्ती किये गये, जिसमें 16 बच्चों की जान चली गयी. इन दोनों अस्पतालों में कोहराम मचा है.
उधर, स्वास्थ्य विभाग ने लगातार छठे दिन बच्चों की मौत होने पर सिविल सर्जन शैलेश प्रसाद सिंह से रिपोर्ट मांगी है और इलाज की बेहतर मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया. तिरहुत के कमिश्नर नर्मदेश्वर लाल ने भी एक आपात मीटिंग बुला कर कई निर्देश दिये. उन्होंने बीमारी से बचाव को लेकर प्रचार प्रसार नहीं किये जाने पर फटकार भी लगायी है. सोमवार की सुबह छह बजे से ही एसकेएमसीएच में चमकी बुखार सेपीड़ित बच्चों का आना शुरू हो गया था.
महज तीन घंटे के अंदर 20 बच्चे एसकेएमसीएच पहुंच गये. इतनी संख्या में बीमार बच्चों के आने के बाद आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधक ने तीसरे पीआइसीयू में बच्चों को एडमिट करना शुरू किया. लेकिन जब तीसरा पीआइसीयू के फुल हो गया तो आइसीयू को खाली कराकर उसमें बच्चों को भर्ती किया गया. अस्पताल अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने बताया कि आइसीयू के मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है. हालत यह है कि पीआइसीयू में एक बेड पर तीन तीन बच्चों का इलाज किया जा रहा है.
बीमार बच्चों में मुजफ्फरपुर के मीनापुर, बरुराज, मोतीपुर के अलावा शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और वैशाली जिले के भी हैं. हर साल गर्मी के उमस भरे मौसम में यह बीमारी फैलती है.
इन बच्चों की हुई मौत
एसकेएमसीएच में : कांटी, शहबाजपुर की तीन वर्षीय सबाना खातून, मीनापुर, मुस्ताफापुर की तीन वर्षीय रूबी कुमारी, मोतिहारी के पांच वर्षीय साकेत कुमार, सीतामढ़ी के डेढ वर्षीय विराज मुखिया, अहियापुर, बहादुरपुर की आठ वर्षीय ज्योति कुमारी, माधोपुर हथौड़ी की चार वर्षीय काजल कुमारी, सीतामढ़ी, रून्नीसैदपुर की दस वर्षीय ज्योति कुमारी, अहियापुर, मुस्तफापुर के दस वर्षीय राहुल कुमार, कुढ़नी केसोपुर की डेढ़ वर्षीय सैयशा, शिवहर की तीन वर्षीय सुचिता, मीनापुर की तीन वर्षीय प्रिया कुमारी, वैशाली हरिवंशपुर गांव की सात वर्षीय रूपा कुमारी, मीनापुर हरपुर की पांच वर्षीय प्रियांशु कुमारी, पूर्वी चंपारण के पकड़ीदयाल के पांच वर्षीय सोनु कुमार, बरूराज पगहिया की पांच वर्षीय फरीदा कुमारी की मौत हो गयी.
केजरीवाल अस्पताल में : कांटी, सोनवर्षा की साढ़े तीन वर्षीय रचना कुमारी की मृत्यु हो गयी. जबकि बबिता कुमारी को एसकेएमसीएच से पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है.
इन बच्चों का चल रहा है इलाज
एसकेएमसीएच में : मीनापुर की तीन वर्षीय सुनीता कुमारी, हथौड़ी की सात वर्षीय चांदनी कुमारी, शिवहर तरियानी की 12 वर्षीय अंजली कुमारी, गायघाट के दस माह के आयुष कुमार, मीनापुर धर्मपुर की चार वर्षीय पायल, कुढ़नी लदौरा के छह वर्षीय अमन कुमार, बरूराज की पांच वर्षीय फरीदा खातून, मीनापुर की दो वर्षीय गुड़िया, पूर्वी चंपारण के पांच वर्षीय सोनु कुमार, मीनापुर मोहनपुर की तीन वर्षीय अनुष्का कुमारी, मोतीपुर की तीन वर्षीय रानी कुमारी, मुशहरी की तीन वर्षीय विभा कुमारी, मीनापुर रामपुरप की पांच वर्षीय गुड़िया कुमारी, मुशहरी के दस वर्षीय मिथिलेश राय, मोतीपुर की तीन वर्षीय चांदनी कुमारी, सकरा की चार वर्षीय सीता कुमारी, मीनापुर की तीन वर्षीय शिवानी कुमारी, पूर्वी चंपारण मधुबन के डेढ़ वर्षीय सुनील कुमार,कांटी के पांच वर्षीय रौशनदास, मड़वन करजा की तीन वर्षीय ज्योति कुमारी, कुढ़नी की डेढ़ वर्षीय सैयजा, सीतामढ़ी के चार वर्षीय रंधीर माझी, पारू की तीन वर्षीय,अराधना कुमारी, कांटी की दो वर्षीय सलोनी कुमारी,साहेबगंज के चार वर्षीय अंशु कुमार, कुढ़नी के तीन वर्षीय गुलशन कुमार, मोतिहारी के छह वर्षीय अजीत कुमार, पूर्वी चंपारण मधुबन के सात वर्षीय ऋतिक,बेतिया के तीन वर्षीय आयुष कुमार, मड़वन करजा के ढ़ाई वर्षीय दीनानाथ, सरैया के राजाबाबू, मीनापुर की गुंजा कुमारी, सीतामढ़ी के नौ माह के कन्हाई कुमार को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
केजरीवाल अस्पताल में : मुशहरी रोहुआ के दो वर्षीय इम्तियाज, मड़वन करजा मोहमदपुर की तीन वर्षीय सरस्वती, मीनापुर पीपराहा की तीन वर्षीय बबिता, वैशाली गोरौल की तीन वर्षीय प्रीति, कांटी दामोदरपुर की चार वर्षीय साइस्ता प्रवीण, पूर्वी चंपारण सिरसिया की चार वर्षीय संध्या का इलाज किया जा रहा है.
पिछले पांच दिनों में 114 बच्चे पीड़ित, 31 की जान गयी
मुजफ्फरपुर : तिरहुत प्रमंडल के मुजफ्फरपुर सहित पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली जिले में चमकी बुखार का कहर तेज हो गया है. बीते पांच दिनों के भीतर पीड़ित 114 बच्चे इलाज के लिए एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में भर्ती हुए हैं. उनमें 31 बच्चों की जान चली गयी.
मरीजों के आने का सिलिसला अब भी जारी है. एसकेएमसीएच के तीन पीआइसीयू वार्ड की स्थिति यह है कि मरीजों की संख्या की तुलना में जगह कम पड़ रहा है. बीमार बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आइसीयू में भी बच्चों को भर्ती किया जा रहा हैं. अस्पताल प्रबंधक एक बेड पर दो से चार बच्चों को रखकर उनका इलाज करने में लगे है.
चौंकाने वाली बात तो यह है कि पीड़ित की संख्या बढ़ने के साथ ही उसी अनुपात में बीमार बच्चों की मौत भी हो रही है. बच्चों की हो रही मौत को लेकर अस्पताल में कोहराम की स्थिति बनी हुई है. सभी बच्चों के परिजन भी हतप्रभ हैं कि आखिर अस्पताल आकर भी वे अपने बच्चे को बचा नहीं पा रहे हैं.