मुजफ्फरपुर : स्वास्थ्य विभाग अभी इंसेफेलाइटिस से निबटने के लिए तैयारी करने में ही जुटा है, जबकि जेई (जैपनीज इंसेफेलाइटिस) से बच्चे बीमार होकर अस्पताल पहुंचने लगे हैं. एसकेएमसीएच में फरवरी महीने में भर्ती हुए सीतामढ़ी जिले के डेढ़ साल की मिहिरा याज व मुजफ्फरपुर के कटरा स्थित दरधा गांव के गुड्डू कुमार में जेई की पुष्टि हुई है.
तीन दिन पहले इसकी रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. जानकारी के अनुसार, सीतामढ़ी केबैरगनिया प्रखंड के भकुराहर गांव की डेढ़ साल की मिहिरा याज को फरवरी महीने में इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भर्ती किया गया था. वहीं कटरा स्थित दरधा गांव के एक साल के गुड्डू कुमार को जनवरी महीने में भर्ती कराया गया था. जेई का लक्षण मिलने पर दोनों का ब्लड सैंपल लिया गया और इलाज के बाद ठीक होने पर उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
इसके बाद उनका ब्लड सैंपल एसकेएमसीएच व आरएमआरई पटना को भेजा गया. 25 मार्च को लैब ने दोनों में जेई की पुष्टि कर दी. इस बीमारी से बच्ची की आवाज खत्म हो गयी है. दिमाग में अधिक सूजन होने से उसकी बोलने की क्षमता खत्म हो गयी है. जनवरी से मार्च तक लैब से दो बच्चों में जेई की पुष्टि हुई है.
निर्देश के बावजूद गांव में नहीं हुई फॉगिंग
एसकेएमसीएच व आरएमआरई पटना से तीन दिन पहले आयी रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग अब बच्ची की हाल लेने की पहल कर रहा है. आरएमआरआई पटना ने मार्च में ही बच्ची के गांव में फॉगिंग करने को कहा था, लेकिन सीतामढ़ी स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक इस दिशा में पहल नहीं की है.
इस बारे में तिरहुत प्रमंडल के अपर निदेशक डॉ एके सिंह ने बताया कि उन्होंने सीतामढ़ी के सीएस को आदेश दिया था कि गांव में फॉगिंग करायी जाये. लेकिन अगर फॉगिंग नहीं हुई, तो उसका कारण बताने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो कार्रवाई की जायेगी.