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प्रदर्शनी पंडाल में जलजमाव व कीचड़, कांवरिया मुंगेर की धरोहर देखने से हो रहे वंचित

जुलूस में कार्यकर्ताओं ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए देश के जांबाज जवानों को याद किया और उनके शौर्य की प्रशंसा की.

प्रदर्शनी पंडाल में जलजमाव व कीचड़

संग्रामपुर . तीस दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का आज पांचवा दिन है. प्रशासनिक स्तर पर पिछले एक महीने से मेला की तैयारी की जा रही है. लेकिन अभी भी पूर्ण रूप से मेला की तैयारी नहीं हो सकी है. कहीं साफ-सफाई का अभाव है तो कहीं जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. कहीं बिजली है तो पंखा नहीं, कहीं टंकी लगा हुआ है तो उसमें पानी नहीं है. प्रदर्शनी पंडाल में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. बताते चलें कि प्रखंड के 12 किलोमीटर कच्ची कांवरिया पथ अंतर्गत मनिया धर्मशाला के समीप सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रदर्शनी पंडाल लगाया गया है. जहां बिहार सरकार द्वारा किए गए जनकल्याणकारी कार्यों एवं जिला के अन्य धरोहर को चित्रों के माध्यम से कांवरियों को दिखाने का प्रयास किया गया है. लेकिन प्रदर्शनी पंडाल में जलजमाव और कीचड़ के कारण कांवरिया प्रदर्शनी पंडाल के अंदर प्रवेश नहीं कर पा रहें हैं और पंडाल में लगे चित्रों को देखने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. जबकि प्रदर्शनी पंडाल में रूट चार्ट भी लगाया गया है. ताकि कांवरिया को बाबा धाम तक जाने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. प्रदर्शनी पंडाल के लिए नियुक्त कर्मी ने बताया कि सफाइकर्मी को कई बार साफ-सफाई के लिए बोला गया. लेकिन अभी तक पंडाल की सफाई नहीं हो पाई है.

मध्यप्रदेश के कांवरिया 51 फीट का कांवर लेकर जा रहे देवघर

असरगंज : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में भक्ति की अनेक स्वरूप देखने को मिल रही है. मुंगेर सीमा प्रारंभ कच्ची कांवरिया पथ कमरांय में गुरुवार को शिवभक्त 51 फीट का लंबा कांवर लेकर बाबाधाम की ओर जाते दिखे जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. मध्यप्रदेश के कटनी जिला के 150 कांवरियाें के जत्था द्वारा इस कांवर को बनाकर बाबा की भक्ति में लीन होकर देवघर की ओर जा रहे थे. कटनी से आए मां जलपा 64 योगनी कांवरिया संघ के कांवरिया पिछले 18 साल से लगातार सुल्तानगंज से जल भर कर बाबाधाम जा रहे हैं और हर बार अपने अनोखे कांवड़ से श्रद्धालुओं का दिल जीत रहे हैं. इस बार संघ के 150 कांवरियों द्वारा इस सावन माह का पहला 51 फीट लंबा कांवड़ लेकर सुल्तानगंज से जल भर कर बाबाधाम की ओर जाते दिखे. कांवरिया द्वारा काफी मेहनत कर कांवर को विभिन्न तरह के सजावट के समानों और घुंघरुओं से सजाया गया है. वहीं कांवर पर 12 ज्योतिर्लिंग भी लगाया गया है और ज्योतिर्लिंग तिरंगा झंडा से लैस है. कांवरियाें ने बताया कि इस कांवर को बनाने में 30 हजार रुपये का खर्च आया है. जिसका वजन 70 किलो है.

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