– इलाज के लिए सदर अस्पताल आ रहे तथाकथित अपहृत को हेमजापुर थाना ने किया गिरफ्तार
– मई 2024 में हेमजापुर थाना से अचानक हो गया था लापता, बेटे न दर्ज कराया अपरहण का मामला, पुलिस अनुसंधान में निकला झूठामुंगेर. हेमजापुर थाना पुलिस जिस तथाकथित अपहृत मो. नदीम अहमद को पिछले आठ माह से ढूढ़ रही थी, वह अचानक अपने गांव तारापुर थाना क्षेत्र के लखनपुरा मंगलवार की रात पहुंच गया. लंबे समय बाद रात में गांव पहुंचे नदीम की ग्रामीणों ने चोर समझ कर बुरी तरह से पिटाई कर दी. जब वह इलाज के लिए मुंगेर आ रहा था तो हेमजपुर थाना पुलिस ने बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया. जिसे गुरुवार को इलाज के बाद न्यायालय में उपस्थापन कराया गया.
हेमजापुर थाना से अचानक हो गया था नदीम लापता
बताया जाता है कि 25 मई 2024 को तारापुर थाना क्षेत्र के लखनपुर निवासी मो. नदीम अहमद हेमजापुर थाना में हाजरी देने के लिए पहुंचा था, लेकिन वह बिना हाजरी बनाये ही थाना से निकल गया. थाना में लगे सीसीटीवी फुटेज में भी उसके थाना से निकलते देखा गया. लेकिन वह अपने घर लखनपुर नहीं पहुंचा था.
बेटे ने दर्ज करायी थी अपहरण की प्राथमिकी
बताया जाता है कि मो. नदीम अहमद के पुत्र मो शाहीम अहमद ने अपने पिता के घर नहीं पहुंचने पर हेमजपुर थाना में हत्या की नीयत से अपहरण का मामला दर्ज कराया. जिसमें उसने उर्दू मध्य विद्यालय लखनपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो ताबीर, मो औरंजेब, वीरेंद्र कुमार कुशवाहा, राजेश्वर कुमार, गोपाल कृष्ण वर्मा को नामजद किया. उसने आवेदन में कहा था कि उसके पिता आरटीआई एक्टिविस्ट थे. जो कई भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई कराया था. नामजदों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा पढ़ी कर रहे थे. इनलोगों ने जान से मारने की धमकी दी थी और मेरे पिता का अपहरण हत्या के इरादे से कर लिया.
आठ माह बाद पहुंचा तो ग्रामीणों ने चोर समझ कर पीटा
आठ माह मो. नदीम अहमद मंगलवार की रात अपने गांव लखनपुर पहुंचा. जहां ग्रामीणों ने चोर समझ कर उसको पीट दिया. जब तक लोग समझ पाते तब तक उसकी खूब पिटाई हो गयी थी. सूचना पर तारापुर थाना की डायल-112 की टीम पहुंची तो उसे पकड़ कर थाना लाया और हेमजापुर पुलिस को सौंप दिया.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि बेटे से झूठा अपहरण का मुकदमा दर्ज कराने वाले मो. नदीम को हेमजापुर पुलिस ने गुप्त सूचना पर बरामद किया. जिसका गुरुवार को सदर अस्पताल में मेडिकल जांच कराया गया और वहां से न्यायालय में 164 का बयान दर्ज कराने के लिए ले जाया गया है. न्यायालय का जैसा आदेश आता है वैसा कार्रवाई किया जायेगा.
बेटे ने कहा बाप के कहने पर दर्ज कराया था मुकदमा
मुंगेर. पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद कांड का अनुसंधान शुरू हुआ. तकनीकी अनुसंधान में मामला फर्जी प्रतीत हुआ. जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज कराने मो शाहीम से गहन पूछताछ की गयी, जिसमें उसने कहा था कि वह अपने पिता मो. नदीम अहमद के कहने पर ही प्राथमिकी दर्ज कराया था. न्यायालय में भी शाहीम का 164 का बयान दर्ज कराया तो उसमें भी उसने न्यायालय को बताया कि पिता के कहने पर ही उसने इनलोगों को फंसाने के लिए ऐसा किया था. हालांकि अपहृत की बरामदगी नहीं हो पायी थी, जिसके कारण कांड का अनुसंधान चलता रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है