मुंगेर. मौसम में बदलाव के कारण काफी तेज गर्मी पड़ने से हेमजापुर के आसपास के पशुपालकों को इन दिनों अपने-अपने दुधारू पशुओं की देखभाल के लिए हांफते देखा जा रहा है. क्योंकि तापमान में लगातार हो रही वृद्धि से दुधारू पशु बीमार पड़ने लगे हैं और पशुओं से प्राप्त होने वाली दूध की मात्रा काफी कम हो गयी है. मार्च के अंतिम सप्ताह से ही तापमान बढ़ाना शुरू हो गया. वर्तमान में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है. नतीजा गर्मी की वजह से दोपहर में गाय एवं बछड़े हाफते दिख रहे हैं. जर्सी गाय की स्थिति तो गर्मी के चलते और भी नाजुक हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश पशुपालक के पास दुधारू पशुओं की हिफाजत के लिए शेड की व्यवस्था नहीं है. पशुपालक राम प्रवेश यादव, बालो साह, पंकज कुमार सिंह, नथुनी महतो, आनंदी यादव, बटोरन महतो ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से बढ़ती हुई गर्मी के कारण मवेशी बीमार हो रहे हैं. लू लगने की भी संभावना बढ़ गयी है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश दुधारू पशु को चारा चराने के लिए खुले मैदान में पशुपालक ले जाते है. गर्मी में पशुओं को हमेशा ठंड पानी पिलाने तथा पर्याप्त मात्रा में खनिज मिश्रण दे. वर्तमान में भैंस को दिन में दो से तीन बार नहलाएं, साथ ही उसे भोजन में गेहूं का चोकर अथवा जो की मात्रा बढ़ा कर दे. पशुओं को चराने के समय में परिवर्तन कर सुबह में जल्दी और शाम में देरी से चरने के लिए भेजें. जिससे पशु बीमार होने से बचेंगे. डॉ भावेश प्रसाद सिंह, पशु चिकित्सक
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