आशा, एंबुलेंस व चिकित्सक के कार्यों की भी होगी निगरानी
मुंगेर. सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं व प्रसुताओं की मौत और उसके इलाज में बरती गयी लापरवाही के मामले की अब स्वास्थ्य विभाग विशेष रूप से समीक्षा करेगा. जिसमें तीन स्तर पर समीक्षा होगी. साथ ही आशा, एंबुलेंस व चिकित्सक के कार्यों की निगरानी भी की जायेगी. इसके अतिरिक्त प्रत्येक माह सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में संचालित होने वाले एएनसी जांच शिविरों की भी विशेष समीक्षा होगी. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयारी शुरू कर दिया है.स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें सुरक्षित प्रसव को लेकर सभी सुविधाएं दी जा रही है. इस बीच अब स्वास्थ्य विभाग लगातार सरकारी व निजी स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले गर्भवतियों तथा प्रसुताओं के मौत और इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर विशेष समीक्षा करेगा. इसमें जहां प्रत्येक आशा के कार्य सहित गर्भवती व प्रसुतओं को मिलने वाले एंबुलेंस सुविधा तथा इलाज के दौरान चिकित्सक के कार्यों की निगरानी भी होगी. साथ ही उनके कार्यों की समीक्षा भी की जायेगी.
एएनसी जांच शिविर की भी होगी समीक्षा
सरकार द्वारा सुरक्षित प्रसव को लेकर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रत्येक माह दो बार एएनसी जांच शिविर का आयोजन किया जाता है. जिसमें प्रत्येक माह 9 और 21 तारीख को एएनसी जांच शिविर आयोजित होता है. जिसकी समीक्षा अब विशेष रूप से होगी. इसमें प्रत्येक एएनसी जांच शिविर में आने वाले गर्भवतियों, एचआरपी की गर्भवतियों सहित सिजिरेयन प्रसव वाली महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. साथ ही उनके सभी जांच रिपोर्ट और इलाज का रिपोर्ट विभाग को भेजा जायेगा. जहां इसकी समीक्षा होगी.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थान तथा सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. साथ ही जिले में शिशु-मातृ मृत्यु दर भी कम है. विभाग के निर्देशानुसार प्रसुताओं व गर्भवतियों के इलाज को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है.
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