मुंगेर.
मुंगेर में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. वार्निंग लेबल से मात्र 15 सेंटीमीटर नीचे गंगा का पानी बह रहा है. जिसके कारण गंगा से सटे दियारा क्षेत्र में पानी तेजी से फैलने लगा है और खेतों में लगे फसलों को अब डूबने लगी है. संभावना है कि रविवार को वाटर लेबल वार्निंग लेबल को पार कर खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगेगी. आपदा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुंगेर में प्रति घंटा एक से दो सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ रही है. शनिवार की सुबह 7 बजे गंगा का जलस्तर 38.7 मीटर पर था. लेकिन अपराह्न 2 बजे गंगा का जलस्तर 38.13 मीटर पर पहुंच गया. शाम 6 बजे वाटर लेबल 38.18 मीटर पर पहुंच चुका था. मिली जानकारी के अनुसार ऊपर पटना और हाथीदह में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. जो अब मुंगेर में वार्निंग लेबल 38.33 मीटर को छूने की ओर तेजी से बढ़ता जा रहा है. अगर वार्निंग लेबल को वाटर लेबल रविवार को पार कर जायेंगा तो सोमवार तक वाटर लेबल खतरे के निशान 39.33 तक पहुंच सकता है और बाढ़ की समस्या विकराल हो सकती है.कही डूब रही फसल तो कही हो रहा कटाव
गंगा का जलस्तर 38.18 मीटर पर पहुंचने के बाद बाढ़ की समस्या को जिले में उत्पन्न कर दिया है. गंगा से पानी निकल कर गंगा किनारे दियारा क्षेत्र व गंगा किनारे कुछ करारी क्षेत्रों में पानी फैलने लगा है. सदर प्रखंड के सीताचरण दियारा सहित अन्य दियारा क्षेत्रों में पानी फैल चुका है. जो फसलों व पशु चारा को डूबो दिया है. बरियारपुर प्रखंड के एकाशी, नीरपुर, कल्याणपुर, रतनपुर सहित कई गांव के तराई क्षेत्र मे स्थित खेतो में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. जो मक्का एवं पशु चारा की फसल डूबो दिया है. कई किसानों के खेतों में लगे मक्के के फस्ल में दाने बन चुकी है तो बहुत से किसानों के मक्के की फसल में पूर्ण रूप से मोचा बन चुका था. जो अब बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. सदर प्रखंड के सीताकुंड डीह गांव पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. कुछ स्थानों पर छोटा-मोटा कटाव भी शुरू हो चुका है.
बरियारपुर में फसलों को डूबोने लगा बाढ़ का पानी
बरियारपुर :
गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही किसानों की परेशानी भी बढ़ गयी है. क्योंकि खेतों में लगाये गये मक्के की फसल व पशु चारा के लिए लगाये गये फसल बाढ़ के पानी में डूबने लगी है. एकाशी, नीरपुर, कल्याणपुर, रतनपुर सहित कई गांव के तराई क्षेत्र के खेतों में लगे मक्का एवं चारा की फसल बाढ़ पानी में डूब चुका है. कई किसानों के खेतों में लगे मक्के की फसल में मक्के के दाने बन चुके है और बहुत से किसानों के मक्के की फसल में पूर्ण रूप से मोचा बन चुका है. जो बाढ़ के पानी में डूब गया है. पशु चारा फसल डूब जाने से पशु चारा के लिए पशु पालक परेशान हो गये है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है