मुंगेर.
शहर के बड़ी बाजार स्थित निजी नर्सिंग होम जगत-जननी हॉस्पिटल में शनिवार को प्रसुता की मौत पर आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा किया. हालांकि हंगामे के पहले ही महिला चिकित्सक निर्सिंग होम से निकल चुकी थी. सूचना पर पहुंची कोतवाली थाना पुलिस ने आक्रोशित को शांत कराया. मौके पर विधायक प्रणव कुमार भी वहां पहुंच परिजनों से मुलाकात की. बताया जाता है कि सफियासराय थाना क्षेत्र के सिंघिया गांव निवासी राकेश दास की पत्नी 25 वर्षीय प्रीति कमारी को प्रसव पीड़ा होने पर शुक्रवार को जगत-जननी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. क्योंकि वह इस अस्पताल की संचालिका डॉ अर्चना की देख-रेख में थी. शुक्रवार की शाम प्रीति का सिजेरियन डिलीवरी कराया गया. उसने एक बच्ची को जन्म दिया. शनिवार की सुबह लगभग 8 बजे उसके पेट में दर्द उठा. घंटों बाद अस्पताल प्रबंधन ने उसे जमालपुर आशिकपुर में स्थित एक निजी नर्सिंग होम में रेफर कर दिया. जब प्रसुता को वहां ले जाया गया तो वहां के चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. हालांकि बच्ची सुरक्षित है.परिजनों ने किया हंगामा, पुलिस ने कराया शांत
प्रसुता की मौत के बाद गांव से दर्जनों परिजन बड़ी बाजार स्थित उक्त अस्पताल शव लेकर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया. आक्रोशितों ने आरोप लगाया कि प्रसुता का सिजेरियन डिलीवरी कराने के दौरान चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ ने लापरवाही बरती थी. जिसके कारण प्रसुता की मौत हो गयी. आक्रोशित महिला चिकित्सक सहित अस्पताल प्रबंधक के गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. हालांकि सूचना मिलते ही कोतवाली थानाध्यक्ष दल-बल के साथ नर्सिंग होम पहुंचे और हंगामा को शांत कराया. लेकिन देर शाम पर शव के साथ मृतक के परिजन उक्त नर्सिंग होम में बने रहे. हालांकि हंगामे के पहले ही महिला चिकित्सक डॉ अर्चना सहित प्रमुख नर्सिंग स्टॉफ वहां से स्थिति को भांप कर निकल गये थे.परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
मृतका के पति राकेश दास मोतिहारी में पंचायत सचिव पद पर तैनात है. जो शुक्रवार की रात पत्नी की डिलीवरी को लेकर नर्सिंग होम पहुंचे थे. उन्होंने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की. पत्नी की मौत के बाद पति सहित पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था. इधर मृतका की मां कविता देवी ने बताया कि वह आशा कार्यकर्ता है. सदर अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक डॉ अर्चना ने उसे कहा था कि बेटी को मेरे नर्सिंग होम लाना वहीं उसका इलाज करेंगे. शुरू से ही वह अपनी बेटी का इलाज नर्सिंग होम में डॉ अर्चना से करा रही थी. मौत के बाद उसका भी रो- रो कर बुरा हाल था.60 हजार में हुई थी बात, 20 हजार लिया था जमा
परिजनों ने बताया कि जब शुक्रवार की सुबह प्रसुता को भर्ती कराया था तो अस्पताल प्रबंधन से 60 हजार में सिजेरियन डिलीवरी की बात हुई थी. शुक्रवार को ही प्रबंधन द्वारा परिजनों से 20 हजार जमा करा लिया गया था. परिजनों ने बताया कि प्रसुता की मौत इसी अस्पताल में हो गयी थी. बावजूद उसे जमालपुर के एक निजी नर्सिंग होम भेज दिया गया. ताकि महिला चिकित्सक व प्रमुख स्टॉफ वहां से भाग सके.कहते हैं कोतवाली थानाध्यक्ष
कोतवाली थानाध्यक्ष राजीव तिवारी ने बताया कि प्रसुता की मौत होने पर परिजन यहां जमा हो गये थे. भीड़ को शांत करा दिया गया है. लिखित शिकायत मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

