नक्सली सक्रिय. एसपी ने नक्सल प्रभावित थाना व पिकेट को किया अलर्ट
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मुंगेर में दोहरा सकते हैं सुकमा
नक्सली सक्रिय. एसपी ने नक्सल प्रभावित थाना व पिकेट को किया अलर्ट मुंगेर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जंगल में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 26 जवानों को मौत के घाट उतार दिया. जिसकी धमक नक्सल प्रभावित मुंगेर में भी सुनाई पड़ने लगी है. सुकमा जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश […]
मुंगेर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जंगल में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 26 जवानों को मौत के घाट उतार दिया. जिसकी धमक नक्सल प्रभावित मुंगेर में भी सुनाई पड़ने लगी है. सुकमा जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश के आलोक में एसपी ने नक्सल प्रभावित थाना एवं पुलिस पिकेट को अलर्ट कर दिया है. साथ ही नक्सल क्षेत्र में पुलिस अपनी सूचना तंत्र को मजबूत करें. ताकि नक्सली गतिविधि की जानकारी मिल सके. मुंगेर पुरी तरह से नक्सल प्रभावित जिलों में शुमार हो चुका है. पहाड़ों और जंगलों के कारण धरहरा, हवेली खड़गपुर व टेटियाबंबर प्रखंड पूरी तरह से नक्सल प्रभावित है.
जहां नक्सलियों ने कई दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया है. नक्सल प्रभावित थाना व पुलिस पिकेट को अलर्ट किया गया है. क्योंकि यह नक्सलियों के निशाने पर रही है. यही कारण है कि बार-बार नक्सली वारदात में पुलिस नक्सलियों के शिकार भी होते रहे हैं. नक्सलियों ने पुलिस व हथियार को अपना सॉफ्ट टारगेट बना रखा है. अलबत्ता यह कि हर बार नक्सली अपने टारगेट को पूरा भी कर लेते हैं. इन क्षेत्रों में प्रशासनिक लापरवाही के कारण नक्सलियों को बढ़ने का भरपूर मौका मिला जो आज नासूर बन गया है. जब भी कहीं कोई बड़ी नक्सली वारदात होती है तो मुंगेर वासियों को वर्ष 2005 की वह घटना जेहन में कौंध जाती है. जब मुंगेर के पुलिस अधीक्षक केसी सुरेंद्र बाबू सहित छह पुलिस कर्मियों को माओवादियों ने बारुदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया था.
थाना व पिकेट को किया गया अलर्ट
मुंगेर के हवेली खड़गपुर, टेटियाबंबर, संग्रामपुर, गंगटा, शामपुर, धरहरा, लड़ैयाटांड, नयारामनगर एवं बरियारपुर के थाना व सहायक थाना पुरी तरह से नक्सल प्रभवित हैं. जबकि करैली, सराधी, घटवारी में पुलिस पिकेट है जो नक्सलियों के गढ़ में है. भीमबांध में सीआरपीएफ एवं खड़गपुर अनुमंडल में एसएसबी कैंप है. इतना ही नहीं शामपुर एवं जमालपुर में एसटीएफ कैंप है. पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने सुकमा घटना के बाद सभी को रेड अलर्ट कर दिया है.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थाना एवं पिकेट को अलर्ट करते हुए वहां की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. जबकि सरकारी नियमानुसार मूवमेंट करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि एएसपी अभियान के साथ मिल कर नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रणनीति बनायी जा रही है. हमारे पास एसएसबी, एसटीएफ, सीआरपीफ, सैप, जिला बल पर्याप्त हैं. पुलिस नक्सलियों की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है और किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए तैयार है.
पुलिस के विरुद्ध अब तक हुई नक्सली कार्रवाई
5 जनवरी 2005 : खड़गपुर के भीमबांध जंगल में लैंड माइंस विस्फोट कर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक केसी सुरेंद्र बाबू सहित छह जवानों की हत्या
12 अप्रैल 2007 : खड़गपुर में पुलिस मुखबिर की घर से खींच कर हत्या
1 जनवरी 2008 : हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के ऋषिकुंड में चार सैप जवानों की हत्या कर हथियार लूटा
27 मई 2008 : धरहरा में रेल पटरी उड़ाया और चौकीदार की गोली मार कर हत्या
25 दिसंबंर 2008 : कजरा में जनसेवा एक्सप्रेस पर हमला कर दो जवानों की हत्या कर हथियार लूटे
16 नवंबर 2009 : हवेली खड़गपुर के बड़की हथिया में चौकीदार छब्बू तूरी की हत्या
1 मार्च 2010 : गंगटा में चौकीदार सहित दो की हत्या
30 नवंबर 2013 : जमालपुर रेलवे सुरंग के समीप पटना इंटरसिटी ट्रेन पर हमला कर तीन जवानों की हत्या कर पांच हथियार लूटे
10 अप्रैल 2014 : चुनावी ड्यूटी में जा रहे जवान भीमबांध सीआरपीएफ कैंप के 131वीं बटालियन हमला कर दो जवानों को मौत के घाट उतारा
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