कार्रवाई. जेल से रंगदारी मांगने का साक्ष्य मिलने पर सजग हुआ कारा प्रशासन
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छापेमारी में मिले दो मोबाइल
कार्रवाई. जेल से रंगदारी मांगने का साक्ष्य मिलने पर सजग हुआ कारा प्रशासन मुंगेर : मुंगेर जेल की सुरक्षा व्यवस्था में भारी सूराख है. इस कारण लाख प्रयास के बावजूद कुख्यात अपराधियों तक मोबाइल के साथ ही ऐश-अो-आराम की सामग्री पहुंच रही है. जेल से रंगदारी मांगने के मामले में साक्ष्य के साथ जब पुलिस […]
मुंगेर : मुंगेर जेल की सुरक्षा व्यवस्था में भारी सूराख है. इस कारण लाख प्रयास के बावजूद कुख्यात अपराधियों तक मोबाइल के साथ ही ऐश-अो-आराम की सामग्री पहुंच रही है. जेल से रंगदारी मांगने के मामले में साक्ष्य के साथ जब पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने जेल प्रशासन को पत्र लिखा तो 24 घंटे के अंदर ही जांच में दो मोबाइल बरामद हुए. जो इस बात को पुख्ता करता है कि भले ही कुख्यात अपराधियों को पुलिस जेल के सलाखों में बंद कर दें. लेकिन मोबाइल के माध्यम से उसका आपराधिक साम्राज्य चल रहा है.
मोबाइल से बात करते कैदी धराया
जेल अधीक्षक अरूण कुमार एवं जेलर निर्मल कुमार प्रभात द्वारा रविवार की सुबह कैदी बैरक में औचक छापेमारी की गयी. वार्ड नंबर तीन के बाथरूम से एक कैदी को मोबाइल से बात करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया. उसका नाम विंदेश्वरी कुमार है. जबकि वार्ड नंबर एक से पांच के पीछे से एक मोबाइल बरामद किया गया. दर्जनों की संख्या में कारा सुरक्षा में तैनात कारा पुलिस, बीएमपी एवं अन्य सुरक्षा बलों के जवानों ने वार्डों में गहन तलाशी ली. दो मोबाइल के अलावे कुछ भी आपत्तिजनक समान बारामद नहीं हुआ. पकड़े गये कैदी के खिलाफ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
आखिर कहां गया सोनू साह का मोबाइल
कुख्यात सोनू साह ने लोहची बाजार के स्वर्ण व्यवसायी जुगनू सोनार से दो लाख की रंगदारी मांगी थी. पुलिस ने सोनू, जुगनू एवं सोनू द्वारा अपने साथियों के साथ की गयी बातचीत की पूरी रिकार्डिंग मोबाइल पर किया है. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने जेल अधीक्षक को जेल में बंद कुख्यात अपराधियों द्वारा मोबाइल का प्रयोग किये जाने के संदर्भ में पत्र लिखा. जेल प्रशासन द्वारा सोनू साह के बैरक से ही औचक छापेमारी अभियान चलाया गया. लेकिन उसके वार्ड से न तो मोबाइल बरामद हुआ और न ही किसी प्रकार का आपत्तिजनक समान. आखिर सोनू ने मोबाइल को कहां छिपा रखा है जो छापेमारी में नहीं मिला. मोबाइल नहीं मिलने से सुरक्षा में लगे जवानों पर भी संदेह जा रहा है कि बात कर मोबाइल सुरक्षा में तैनात जवानों को दे देता है. जबकि जेल प्रशासन का मानना है सोनू ने मोबाइल को नष्ट कर दिया होगा.
जेल की सुरक्षा पर उठता रहा है सवाल
केस स्टडी -1
28 जुलाई 2015 को जिला बल के जवान लाल बाबु ठाकुर को कैदी को मोबाइल उपलब्ध कराते हुए गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से सैमसंग कंपनी के दो मोबाइल बरामद किये थे. विदित हो कि जेल में बंद कैदियों को न्यायालय में उपस्थापन कराने के लिए लाल बाबू ठाकुर जेल से कैदी को लेकर न्यायालय आया था. उसने हथियार तस्करी के मामले में मंडल कारा में बंद रवि शर्मा को दो मोबाइल उपलब्ध कराने का प्रयास किया था. लेकिन पकड़ा गया.
केस स्टडी -2
मंडल कारा में तैनात नवनियुक्त जेलर आलोक कुमार को कैदियों को सिगरेट पहुंचाने के आरोप में 2016 में निलंबित किया गया था. उस पर आरोप था कि कि 1600 रुपये का महंगा सिगरेट उसने डेढ़ माह पूर्व कैदियों को उपलब्ध कराया था. जिसकी जांच जिलाधिकारी व एसपी ने की थी. जिसमें आरोप सत्य पाया गया. अधिकारियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी. जिसके आधार पर जेलर आलोक कुमार को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था.
केस स्टडी -3
2 मई 2013 को तत्कालीन जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह ने एसपी सहित दर्जन भर जिला एवं पुलिस अधिकारी के साथ जेल में छापा मारा था. जहां से 23 मोबाइल, 19 चार्जर, 80 पैकेट गुटका, दो चीलम, गांजा, मासिच, चाकू व कैंची बरामद किया गया था. जिसे देख डीएम व एसपी के होश उड़ गये थे. डीएम ने जेलर अरुण कुमार सिंह को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तारी का आदेश दिया और तत्काल ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.
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