गतिरोध. समान काम के समान वेतन की मांग पर अड़े हैं वित्तरहित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी
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मूल्यांकन कार्य ठप, इंटर रिजल्ट पर ग्रहण
गतिरोध. समान काम के समान वेतन की मांग पर अड़े हैं वित्तरहित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी एक ओर जहां समान काम के समान वेतन की मांग को लेकर वित्तरहित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी अड़े हुए हैं. वहीं मूल्यांकन कार्य ठप रहने के कारण इंटरमीडिएट के रिजल्ट पर ग्रहण लग गया है़ मुंगेर : नहीं हो […]
एक ओर जहां समान काम के समान वेतन की मांग को लेकर वित्तरहित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी अड़े हुए हैं. वहीं मूल्यांकन कार्य ठप रहने के कारण इंटरमीडिएट के रिजल्ट पर ग्रहण लग गया है़
मुंगेर : नहीं हो रहा मूल्यांकन, बीत गये 14 दिन
जिले के दो केंद्रों पर पिछले 15 मार्च से ही इंटरमीडिएट परीक्षा 2017 के उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कार्य आरंभ होना था़ किंतु 14 वें दिन मंगलवार को भी मूल्यांकन कार्य पूरी तरह ठप रहा़ शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश दिया गया था कि मूल्यांकन कार्य 15 दिनों में पूरा कर लिया जाये. किंतु 14 दिन बीत जाने के बाद भी मूल्यांकन कार्य आरंभ नहीं हो पाया है़ अगर यही हाल रहा तो छात्र-छात्राओं के अगले सत्र की पढ़ाई आरंभ होने में काफी विलंब हो सकता है़ मालूम हो कि शहर के बैजनाथ
राजकीय बालिका उच्च विद्यालय में कुल 70,639 उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन को लेकर 42 प्रधान परीक्षक तथा 272 सह परीक्षक को लगाया जाना था़ जिनमें से 21 प्रधान परीक्षक तथा 150 सह परीक्षकों ने केंद्र पर अपना योगदान तो दिया, किंतु मूल्यांकन कार्य में अब तक शामिल नहीं हुए हैं. वहीं जिला स्कूल में लगभग 95,000 उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन कार्य के लिए कुल 32 प्रधान परीक्षक तथा 153 सह परीक्षकों को लगाया जाना है़ जिनमें से 8 प्रधान परीक्षक तथा 72 सह परीक्षकों ने अपना योगदान केंद्र पर दिया़ किंतु उनमें से कुछेक परीक्षकों को छोड़ बाकी सभी परीक्षक मूल्यांकन बहिष्कार करने वाले शिक्षकों के दल में शामिल हो गये हैं. इस कारण जिला स्कूल में अब तक हिंदी व उर्दू विषय की सिर्फ 1115 उत्तरपुस्तिका का ही मूल्यांकन कार्य हो पाया है़ वित्तरहित शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मचारी समान काम के समान वेतन की मांग पर अड़े हुए हैं. वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मार्चा के अनुसार जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक सभी वित्तरहित कर्मी हड़ताल पर डटे रहेंगे़ मूल्यांकन बहिष्कार का दूसरा पहलू यह है कि उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कार्य नहीं होने के कारण जहां इंटर का रिजल्ट प्रकाशित होने में काफी विलंब होगा, वहीं अगे की पढ़ाई में छात्र- छात्राओं का सत्र भी देर से आरंभ होगा़ जिससे उसकी पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है़ फिलहाल इसकी चिंता न तो वित्तरहित शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को है और न ही सरकार को़
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