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ठंड को मात देकर लोगों ने मनाया नये साल का जश्न

हवेली खड़गपुर/तारापुर/बरियारपुर : दहशत और ठंड को मात देते हुए लोगों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नये साल का जश्न मनाया. जंगल, पहाड़ एवं पहाड़ी से गिरते झरने के बीच लोगों ने भीमबांध, खड़गपुर झील एवं ऋषिकुंड में पिकनिक का आनंद उठाया और एक दूसरे को हैप्पी न्यू इयर कह नये साल का मुबारकवाद दी. […]

हवेली खड़गपुर/तारापुर/बरियारपुर : दहशत और ठंड को मात देते हुए लोगों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नये साल का जश्न मनाया. जंगल, पहाड़ एवं पहाड़ी से गिरते झरने के बीच लोगों ने भीमबांध, खड़गपुर झील एवं ऋषिकुंड में पिकनिक का आनंद उठाया और एक दूसरे को हैप्पी न्यू इयर कह नये साल का मुबारकवाद दी.
खड़गपुर प्रतिनिधि के अनुसार नये साल की सुबह होते ही बड़ी संख्या में मुंगेर जिले के अलावे विभिन्न जिलों से लोग पिकनिक मनाने खड़गपुर झील एवं भीमबांध की ओर कूच करने लगे.
दोपहर बाद झील पर पिकनिक मनाने वालों का तांता उमड़ पड़ी और प्रकृति के बेहतरीन नजारों के बीच लोगों ने पिकनिक का आनंद उठाया. नंदलालबसु चौक से सीधे प्राइवेट वाहनों द्वारा लोग झील पहुंचे और सूर्यास्त तक वहां नये साल का जश्न मनाया. लोगों ने झील में नौका विहार का जमकर लुप्त उठाया. इधर भीमबांध में पर्यटकों की सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था की गयी थी.
लोगों ने सुरक्षा व्यवस्था के बीच पिकनिक का आनंद उठाया. लोगों ने गर्मजल कुंड में स्नान किया और वन भोज का लुप्त उठाया. बड़ी संख्या में लोग भौरा कुंड और रामेश्वर कुंड पर भी पिकनिक का मजा लेते देखे गये. खड़गपुर के पिकनिक स्पॉटों के अलावे अन्य स्थानों पर जवान तैनात थे.
झील के रास्ते लगी रही जाम
खड़गपुर झील पर सैलानियों ने बेखौफ होकर पिकनिक का आनंद उठाया. इस दौरान झील जाने वाले रास्ते पर वाहनों का आना-जाना दिन भर लगा रहा. झील पर चढाई वाले रास्ते में बाहर से आये छोटे वाहनों चालकों की अनभिज्ञता के कारण जाम की स्थिति घंटों बनी रही.सैकड़ों की संख्या में वाहन घंटों जाम में फंसे रहे. पुलिस जवानों को जाम हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.
बरियारपुर प्रतिनिधि के अनुसार रामायण काल से जुड़ी धार्मिक व तपोस्थल पहाड़ की तराइयों में स्थित ऋषिकुंड स्थल पर शुक्रवार को हजारों की संख्या में पर्यटक पिकनिक बनाने पहुंचे.
लोगों ने जहां कुंड में स्नान कर पूजा अर्चना की. वहीं पहाड़ की तराई से गिरते पानी से भोजन बनाया और उसी जल का सेवन पेयजल के रुप में किया. शुक्रवार की सुबह से ही चार चक्का वाहन, मोटर साइकिल एवं ऑटो नौवागढ़ी मस्जिद मोड़, चमनगढ़ मोड़, एनएच 80 काली स्थान एवं खड़गपुर मार्ग से सैकड़ों की संख्या में ऋषिकुंड पहुंचने लगे थे.
दिन भर वाहनों का आना-जाना लगा रहा. देर शाम तक लोगों ने ऋषिकुंड में वनभोज का आनंद उठाया. विदित हो कि वर्ष 2008 में नये साल के पहले दिन ही नक्सलियों ने पुलिस पर हमला बोल चार सैप जवानों की हत्या कर दी थी. जिसके बाद यहां आने से पर्यटक परहेज करने लगे थे. लेकिन 2016 के पहले दिन लोगों की भीड़ देख कर लगता है कि मानो दहशत को मात दे लोग नये साल का जश्न मना रहे हो.
तारापुर प्रतिनिधि के अनुसार तारापुर में 12 बजे रात्रि से ही आतिशबाजी कर नववर्ष का आगाज किया.बच्चे से लेकर बुढ़े-बुजुर्ग ने भी नववर्ष की एक दूसरे को बधाई दी. लोगों ने मोबाइल, व्हाट्सअप, फेसबुक, मैसेंजर के माध्यम से अपने मित्रों व सगे-संबंधियों को शुभकामनाएं दी. इस दौरान में लोगों ने मां तिलडिहा मंदिर में मत्था टेका और सुख समृद्धि की कामना की. साथ ही लोगों ने खड़गपुर झील व भीमबांध जाकर नववर्ष का आनंद उठाया. इस दौरान क्षेत्र में मांस, मछली की भी बिक्री जमकर हुई.

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